KNEWS DESK- दिल्ली-एनसीआर में इस वर्ष दिवाली का त्योहार अपेक्षाकृत साफ हवा में मनाया गया। मौसमी दशाओं के अनुकूल रहने के कारण, पिछले दस सालों में दूसरी बार आतिशबाजी से उत्पन्न प्रदूषण का असर कम देखने को मिला। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 339 के स्तर पर पहुंच गया, जो कि बेहद खराब श्रेणी में आता है, लेकिन यह पिछले वर्ष के 302 के मुकाबले बेहतर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि गर्म मौसम और तेज हवा की गति ने प्रदूषकों को दिल्ली-एनसीआर की हवा में जमा होने से रोक दिया। इस कारण, पराली के धुएं और आतिशबाजी के बावजूद हवा तुलनात्मक रूप से साफ रही। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को सुबह 11:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक हवा की गति 12-16 किमी प्रति घंटा रही, जो बाद में घटकर 3-7 किमी प्रति घंटा हो गई। हालांकि, शुक्रवार की सुबह हवा की गति एक बार फिर बढ़कर 10 किमी प्रति घंटा से ऊपर चली गई, जिससे प्रदूषक फैलने में मदद मिली।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि बृहस्पतिवार को एक्यूआई 328 दर्ज किया गया था। हालांकि, रात में आतिशबाजी के चलते प्रदूषण स्तर में वृद्धि हुई और दिल्ली के कई हॉट स्पॉट पर एक्यूआई 400 के ऊपर चला गया। लेकिन, तड़के हवा की गति में तेजी आने से स्थिति में सुधार हुआ और प्रदूषक दूर-दूर तक फैल गए।
अक्तूबर महीने में, दिल्ली का एक्यूआई दो बार 350 के पार गया, जिनमें 23 अक्तूबर को 364 और 27 अक्तूबर को 356 एक्यूआई दर्ज किया गया। दशहरे के बाद से ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई थी, लेकिन दिवाली पर मौसम की अनुकूलता ने इसे कुछ हद तक राहत दी है। इस प्रकार, इस दिवाली के मौसम ने एक बार फिर प्रदूषण के स्तर को कम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे लोगों ने स्वच्छ हवा में त्योहार मनाने का आनंद लिया।
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