डिजिटल डेस्क- लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को गुरुवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, राज्यसभा सांसद मीसा भारती, हेमा यादव सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने पर अपना आदेश फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है। अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को निर्धारित की है। अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह मामले से जुड़े सभी आरोपितों की वर्तमान स्थिति की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करे। अदालत ने कहा कि चूंकि इस लंबे चल रहे मामले में कुछ आरोपितों की मृत्यु हो चुकी है, इसलिए प्रत्येक आरोपित की स्थिति की पुनः जांच आवश्यक है। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, इस प्रकरण में कुल 103 व्यक्तियों को आरोपित बनाया गया था, जिनमें से चार की मृत्यु कार्यवाही के दौरान हो गई है। इसी आधार पर अदालत ने एजेंसी को अद्यतन जानकारी के साथ विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
रेलमंत्री के कार्यकाल के दौरान का है मामला
यह मामला वर्ष 2004–2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि उस दौरान रेलवे में नौकरियां देने के बदले जमीनें अपने रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर ली गईं। सीबीआई ने इस कथित घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कई मध्यस्थों और लाभार्थियों को भी आरोपी बनाया है। जांच एजेंसी ने पहले ही अदालत में एक विस्तृत चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि सरकारी नौकरी देने के बदले कम कीमत पर जमीन ली गई।
अदालत ने आदेश रखा सुरक्षित
इससे पहले 10 नवंबर को हुई सुनवाई में भी अदालत ने आरोप तय करने पर अपना निर्णय 4 दिसंबर तक टाल दिया था। अब, एक बार फिर अदालत ने आदेश सुरक्षित रखते हुए सीबीआई से ताज़ा स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने कहा कि जब तक प्रत्येक आरोपित की मौजूदा कानूनी स्थिति स्पष्ट नहीं होती, आरोप तय करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती।