लद्दाख में दशकों बाद भड़की भीषण हिंसा, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक एनएसए के तहत गिरफ्तार, चार की मौत, लेह में कर्फ्यू

KNEWS DESK- लद्दाख ने दशकों बाद ऐसी हिंसा देखी, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाए जाने के बाद विरोध-प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गए। अब तक की जानकारी के अनुसार, चार युवकों की मौत हो चुकी है, जबकि 70 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हालात को काबू में करने के लिए लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

लद्दाख में बीते कई महीनों से चल रही शांतिपूर्ण भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य क्षेत्र को संवैधानिक सुरक्षा दिलाना था। आंदोलन की अगुवाई कर रहे सोनम वांगचुक शुरू से ही इसे गांधीवादी और अहिंसक आंदोलन बताते रहे हैं। लेकिन 24 सितंबर को अचानक हालात बदल गए और भीड़ हिंसक हो उठी।

लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (LAHDC) के सीईओ ताशी ग्यालसन ने हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जो लोग शांतिपूर्ण विरोध के लिए आए थे, वहां किसी तरह भीड़ जुटी और अचानक हिंसा शुरू हो गई। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”

उन्होंने बताया कि आंदोलन को लेकर सरकार लगातार संवाद कर रही थी और लद्दाख को संवैधानिक सुरक्षा देने के मसले पर गंभीर थी। बावजूद इसके, अफवाहें फैलीं कि सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी। इसी माहौल में कुछ “भड़काऊ बयानों” ने हिंसा को जन्म दे दिया।

हिंसा के बाद पुलिस ने सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है। वहीं, केंद्र सरकार ने वांगचुक पर विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) 2010 के कथित उल्लंघन को लेकर भी जांच शुरू कर दी है।

सीबीआई ने वांगचुक और उनके द्वारा स्थापित संस्था के खिलाफ प्रारंभिक जांच (PE) दर्ज की है। सरकार का आरोप है कि वांगचुक ने लोगों को भड़काने के लिए “अरब स्प्रिंग” और “जेन जेड प्रोटेस्ट” जैसे अंतरराष्ट्रीय आंदोलनों का हवाला देकर लद्दाख में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की।

ताशी ग्यालसन ने साफ कहा है कि हिंसा और मौतों के लिए हर स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए, फिर चाहे वह प्रदर्शनकारी हों या पुलिस बल। उन्होंने उपराज्यपाल से गहन और पारदर्शी जांच की मांग की है। “हमने कभी ऐसी घटना की कल्पना नहीं की थी। हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। दोषी चाहे जो भी हो, जवाबदेही तय की जाए।”