डिजिटल डेस्क- लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वांगचुक को लेह पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले लद्दाख में हुए विरोध प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
हिंसा भड़काने का था आरोप
वांगचुक पर आरोप है कि उन्होंने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल के दौरान भड़काऊ बयान दिए, जिससे हिंसा भड़की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी डीजीपी एस.डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व वाली टीम ने की। इससे पहले केंद्र सरकार ने वांगचुक की संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया था। सरकार का कहना है कि संस्था पर विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप है।
उपराज्यपाल ने गिरफ्तारी को जायज ठहराया
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने इस कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा कि सबूतों के आधार पर कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे लोगों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। हालात में सुधार हो रहा है और हमें विश्वास है कि जल्द ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा। लद्दाख की परंपरा और वातावरण को खराब होने नहीं दिया जाएगा।” उपराज्यपाल ने यह भी दावा किया कि कुछ विदेशी शक्तियों के हस्तक्षेप के सबूत मिले हैं, जिनकी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन हालात को सामान्य बनाने और लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है।
लद्दाख में लागू धारा 163
फिलहाल लद्दाख में शैक्षणिक संस्थान बंद हैं और सुरक्षा के मद्देनज़र धारा 163 लागू की गई है। प्रशासन का कहना है कि एक-दो दिन में हालात काबू में आ जाएंगे और सामान्य जीवन पटरी पर लौट आएगा।