कोलकाता: ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में हिंसा, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तोड़फोड़

KNEWS DESK-  कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया है। प्रदर्शनकारियों की गुस्साई भीड़ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में घुसकर व्यापक तोड़फोड़ की। इस दौरान अस्पताल परिसर, वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।

प्रदर्शन के दौरान हिंसा

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ते हुए अस्पताल परिसर में घुसपैठ की। प्रदर्शन स्थल के बाहर खड़ी एक बाइक में आग लगा दी गई, जिससे स्थिति और भी विकट हो गई। भीड़ की उग्रता को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया, ताकि हालात को काबू में किया जा सके। दंगों को नियंत्रित करने के लिए विशेष पुलिस बल को भी तैनात किया गया।

पुलिस आयुक्त का बयान

कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने घटनाओं की जांच की बात की और अफवाहों के फैलने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “हम हर चीज़ की जांच कर रहे हैं और वहां मौजूद हर व्यक्ति से पूछताछ कर रहे हैं। अफवाहें फैलाकर नागरिकों में अविश्वास पैदा करने से शहर को नुकसान हो रहा है। मैं CBI से पूछना चाहूंगा कि अधिकारियों ने चार दिनों में जो काम किया है, उसके बदले शहर ने क्या प्रतिक्रिया दी है।”

प्रशिक्षु डॉक्टर की शिकायत

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रशिक्षु डॉक्टर हसन मुश्ताक ने कहा, “हमने रात 11 बजे विरोध मार्च के लिए निकलने की योजना बनाई थी, लेकिन बाहर एक बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। वे नारे लगा रहे थे और धीरे-धीरे उग्र हो गए। जब भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़े और परिसर में घुसने की कोशिश की, हम अपनी जान बचाने के लिए भागे। हमने पहले ही महिला टीम को सुरक्षित निकाल दिया था।”

अभिषेक बनर्जी की प्रतिक्रिया

अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “आरजी कर मेडिकल कॉलेज में गुंडागर्दी और बर्बरता ने सभी स्वीकार्य सीमाओं को पार कर दिया है। मैंने कोलकाता पुलिस आयुक्त से बात की है और उन्हें निर्देश दिया है कि हिंसा के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जाए और उन्हें कानून के सामने पेश किया जाए, चाहे उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो। डॉक्टरों की मांगें उचित और न्यायसंगत हैं। उनकी सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।”

स्थिति की समीक्षा और आगे की कार्रवाई

स्थिति को लेकर स्थानीय प्रशासन और पुलिस लगातार नजर बनाए हुए हैं। हिंसा की इस घटना ने कोलकाता में एक बार फिर से सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की समस्याओं को उजागर किया है। आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और भी प्रतिक्रियाएं और कार्रवाइयां देखने को मिल सकती हैं।

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