डिजिटल डेस्क- पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया के बीच आधार कार्डों के लावारिस मिलने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। रविवार (23 नवंबर) सुबह कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में बीए-सीए मैदान के पास फुटपाथ पर कई आधार कार्ड पड़े मिले, जिन्हें आसपास टहल रहे लोगों ने सबसे पहले देखा। इन कार्डों पर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के पते दर्ज थे, जिससे स्थानीय प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया। हर रोज़ की तरह मॉर्निंग वॉक पर निकले स्थानीय निवासियों ने सड़क किनारे कई आधार कार्ड बिखरे हुए देखे। एक महिला ने बताया कि ऐसा दृश्य उन्होंने पहली बार देखा है। उन्होंने अंदेशा जताया कि SIR के चलते पुराने या फर्जी कार्ड फेंके गए हो सकते हैं। वहीं एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि वे हर रविवार अपने बेटे को क्रिकेट कोचिंग के लिए उसी मैदान में लाते हैं। आज अचानक उन्होंने सड़क पर कार्ड देखे और तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद बिधाननगर उत्तर थाने की टीम मौके पर पहुंची और सभी कार्डों को कब्जे में ले लिया।
पुलिस की जांच तेज, CCTV फुटेज खंगाले जा रहे
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इतने दूर-दराज़ के राज्यों के आधार कार्डों का साल्ट लेक में मिलना बेहद असामान्य है। जांच अधिकारी के मुताबिक, आसपास लगे CCTV कैमरों की रिकॉर्डिंग निकाली जा रही है ताकि पता चल सके कि आधार कार्ड यहां कैसे और किसने फेंके। साथ ही, कार्डों पर दर्ज मोबाइल नंबरों पर फोन करके यह भी जांच की जाएगी कि ये कार्ड खोए हुए हैं या फिर फर्जी तरीके से बनाए गए थे। गौरतलब है कि इसी महीने पूर्वी बर्दवान के पूरबस्थली इलाके में तालाब की सफाई के दौरान सैकड़ों आधार कार्ड मिले थे। ये कार्ड एक बोरे में बंद मिले थे, जिसके बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि कई कार्ड ऐसे नामों के थे जो इलाके से संबंधित ही नहीं थे।
बीजेपी ने लगाया मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप
ताज़ा घटना के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर हमला तेज कर दिया है। बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल नकली आधार कार्ड बनाने का केंद्र बन गया है और SIR शुरू होते ही फर्जीवाड़ा सामने आने लगा है। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों को बचाने के लिए ऐसे कार्ड बनाए जाते हैं और SIR की जांच से बचने के लिए इन्हें फेंका जा रहा है।