KNEWS DESK – पिछले महीने कोलकाता में रेप और मर्डर का शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर के परिवार के लोग बुधवार को आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के साथ शामिल हुए। उन्होंने कोलकाता पुलिस पर डॉक्टर के शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करके मामले को दबाने की कोशिश का आरोप लगाया।
परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए
आपको बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हाल ही में एक जूनियर डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्याकांड का मामला दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस घटना ने देशभर में खलबली मचा दी है और चिकित्सकों के साथ-साथ आम जनता भी इस मामले के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रही है।
मृतक डॉक्टर के परिवार ने हाल ही में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का कहना है कि जब उन्हें शव सौंपा गया, तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की ताकि मामले को दबाया जा सके। परिवार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अब वे इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं।
मृतका के पिता ने बयान देते हुए कहा, “हमें इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेना ही होगा। आखिर हम और कर भी क्या सकते हैं? चीजें बहुत धीरे-धीरे हो रही हैं। हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमारे बहुत सारे सवाल हैं और हम सब कुछ पुलिस से पूछेंगे।” उनके अनुसार, पुलिस ने मामले की गहन जांच किए बिना ही इसे आत्महत्या करार देने का प्रयास किया और शव को बिना किसी जांच के श्मशान ले जाने का दबाव डाला।
मामले की जांच और न्याय की मांग
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना ने व्यापक विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया है। डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है और देशभर में इस मुद्दे पर जनाक्रोश देखा जा रहा है। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विपक्षी दल भाजपा के बीच सियासी बवाल भी देखने को मिल रहा है।
जांच एजेंसियों से त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए पुलिस और जांच एजेंसियों से त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, भाजपा ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है और इसे कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाने के रूप में देखा है।
इस बीच, मृतका के परिजनों ने सार्वजनिक रूप से इस मामले की जांच की गति और निष्पक्षता पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस और प्रशासन की ओर से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है और मामले की जांच को जल्द समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।