KNEWS DESK – कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर्स की भूख हड़ताल करते हुए आज नौ दिन में हो चुके है। यह हड़ताल उस समय शुरू हुई थी जब एक जूनियर डॉक्टर की निर्मम हत्या के मामले ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी थी। आंदोलनकारी डॉक्टर्स न्याय की मांग कर रहे हैं, और उनकी स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। अब तक तीन डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है।
5 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर
बता दें कि जूनियर डॉक्टरों ने 5 अक्टूबर से भूख हड़ताल शुरू की थी, जो कि उनके पिछले 50 दिनों के काम बंद के प्रदर्शन का हिस्सा है। हत्या के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है, और जांच अब सीबीआई द्वारा की जा रही है।
जूनियर डॉक्टर्स फोरम के एक नेता ने बताया कि उनकी हालत बिगड़ती जा रही है, लेकिन राज्य प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस बीच, आरजी कर अस्पताल के पूर्व छात्रों का एक समूह भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों के समर्थन में 12 घंटे के प्रतीकात्मक उपवास पर बैठा। हालांकि, उन्हें सुरक्षा कर्मियों का विरोध सहना पड़ा।
प्रतीकात्मक उपवास को जारी
पूर्व छात्रों में अधिकतर सीनियर सिटीजन हैं, जिन्होंने कहा कि वे अपने प्रतीकात्मक उपवास को जारी रखेंगे। आंदोलनकारी डॉक्टरों ने लोगों से रविवार को अरंधन (खाना नहीं पकाने) का पालन करने का अनुरोध किया है, ताकि उनके उद्देश्य के प्रति एकजुटता दिखा सकें।
आंशिक काम बंद का आह्वान
प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने भी आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में 14 अक्टूबर से 48 घंटे के आंशिक काम बंद का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सभी इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी।
‘विरोध कार्निवल’ का आयोजन
डॉक्टर्स ने 15 अक्टूबर को एस्प्लेनेड में ‘विरोध कार्निवल’ का आयोजन करने का निर्णय लिया है, जो पश्चिम बंगाल सरकार के द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा कार्निवल के साथ मेल खाता है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने चेतावनी दी है कि यदि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को कोई नुकसान हुआ, तो देशभर में मेडिकल सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी।