KNEWS DESK- राजधानी स्थित होटल ताज में शनिवार को ‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047’ के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाग लिया और प्रदेश के विकास के रोडमैप के साथ-साथ भारत की ऐतिहासिक विरासत, वैश्विक योगदान और वर्तमान दिशा पर अपने विचार साझा किए।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत के स्वर्णिम अतीत से की। उन्होंने बताया कि 11वीं सदी में भारत की आबादी करीब 60 करोड़ थी, और भारत वैश्विक आर्थिक गतिविधियों का केंद्र था। चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में भारत की वैश्विक जीडीपी में हिस्सेदारी 40% थी, जो 11वीं सदी तक घटकर 30% और 17वीं सदी तक 25% रह गई। भारत की अर्थव्यवस्था उस समय कृषि, लघु उद्योग और कुटीर उद्योगों पर आधारित थी।
उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेजों ने भारत को सुनियोजित तरीके से लूटा, जिससे देश की समृद्धि नष्ट हुई। “ब्रिटिश शासन के दौरान भारत से लगभग 32 ट्रिलियन डॉलर के बराबर सोना और संपत्ति लूट कर इंग्लैंड ले जाई गई,” – CM योगी
सीएम योगी ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत के पारंपरिक उद्योग-धंधों को बर्बाद कर दिया, जबकि भारत प्राचीन समय से टेक्सटाइल हब रहा है। उन्होंने बताया भारत की हस्तनिर्मित वस्तुएं दुनिया भर में लोकप्रिय थीं। अंग्रेजों ने रासायनिक कीटनाशकों और फर्टिलाइज़र का आगमन कराया, जिसका शुरू में सकारात्मक लेकिन बाद में नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
योगी आदित्यनाथ ने भारत की शैक्षिक विरासत को भी प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि दुनिया का पहला विश्वविद्यालय तक्षशिला भारत ने दिया। पाणिनि, चरक, सुश्रुत, और जीवक जैसे महान विद्वान इसी विश्वविद्यालय से जुड़े थे। उन्होंने सुश्रुत को दुनिया का पहला मेडिकल सर्जन बताया और आयुर्वेद के महत्व को रेखांकित किया।