KNEWS DESK- कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में संविधान, लोकतंत्र और जन अधिकार गंभीर खतरे में हैं। खरगे ने कहा कि मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है और नीतियां देशहित के बजाय पूंजीपतियों के पक्ष में बनाई जा रही हैं।
दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में आयोजित ध्वजारोहण समारोह में मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और कांग्रेस के 140 वर्षों के संघर्ष और योगदान को याद किया। इस अवसर पर संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
अपने संबोधन में खरगे ने कहा कि सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष रहने और डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान यूपीए सरकार ने आम जनता के अधिकारों को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि उसी दौर में सूचना का अधिकार (RTI), शिक्षा का अधिकार (RTE), खाद्य सुरक्षा कानून, मनरेगा (MGNREGA), वन अधिकार कानून और भूमि अधिग्रहण कानून जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए गए।
खरगे ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा देशवासियों के कल्याण, सशक्तिकरण और समावेशी विकास के लिए काम किया है। आज देश में संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला हो रहा है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी के ऐतिहासिक योगदान को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस का सौभाग्य रहा है कि देश की महान हस्तियां इससे जुड़ी रहीं। महात्मा गांधी के नेतृत्व में सभी वर्गों के लोग आज़ादी की लड़ाई में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां लोकतंत्र आज भी जीवित है और इसके पीछे कांग्रेस की सोच और संघर्ष रहा है।
खरगे ने कहा कि 62 वर्षों तक करोड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया, जेल गए और देश की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने कांग्रेस के संस्थापकों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पार्टी उस भारत के निर्माण के लिए काम करती रहेगी, जिसका सपना उन्होंने देखा था।
मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने कांग्रेस द्वारा खड़ी की गई संस्थाओं को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि RSS और बीजेपी के नेताओं ने कभी संविधान, तिरंगे और ‘वंदे मातरम’ को स्वीकार नहीं किया।
खरगे ने कहा, “जल, जंगल और जमीन खतरे में हैं। जनता के अधिकार छीने जा रहे हैं। मनरेगा को लगभग नष्ट कर दिया गया है। सरकार फर्जी आंकड़ों के सहारे अपनी नाकामियों को छिपा रही है और पूंजीपतियों के लिए कानून बना रही है।”
गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को मुंबई में हुई थी। उस समय दादाभाई नौरोजी, ए.ओ. ह्यूम सहित 72 प्रतिनिधियों की मौजूदगी में दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में कांग्रेस की नींव रखी गई थी। आज कांग्रेस अपना 140वां स्थापना दिवस मना रही है।