डिजिटल डेस्क- अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत आज (27 अक्टूबर) पंजाब के बठिंडा जिला अदालत में पेश हुईं। किसान आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में यह पेशी हुई। कंगना की अदालत में पेशी को देखते हुए बठिंडा कोर्ट परिसर और उसके आसपास के इलाकों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। भारी पुलिस बल, महिला कर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया था ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। यह मामला किसान आंदोलन के समय का है, जब कंगना रनौत ने एक ट्वीट में पंजाब की एक बुज़ुर्ग महिला की तुलना शाहीन बाग़ की प्रदर्शनकारी दादी से करते हुए विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने लिखा था कि “यह वही महिला हैं जो 100 रुपये में हर प्रोटेस्ट में पहुंच जाती हैं।” इस बयान के बाद पंजाब के कई हिस्सों में किसानों और सामाजिक संगठनों ने कंगना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
बुजुर्ग महिला ने सांसद के खिलाफ दर्ज करवाया था मानहानि का मुकदमा
बठिंडा जिले के गांव बहादरगढ़ जंडियां की रहने वाली बुजुर्ग महिला ने अपनी छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करवाया था। यह मामला बीते कई वर्षों से अदालत में लंबित था, लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कंगना की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने केस को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने निर्देश दिया था कि कंगना को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर कार्यवाही में सहयोग करना होगा।
कई समन जारी करने के बाद भी नहीं पहुंची थी कंगना
पिछले कुछ वर्षों में यह केस कई कानूनी चरणों से गुजरा। निचली अदालत ने कंगना को कई बार समन जारी किए, लेकिन उन्होंने हाज़िरी नहीं दी। बाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश होने का अनुरोध किया गया, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद कंगना ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, लेकिन दोनों अदालतों ने मामला रद्द करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कंगना ने न केवल एक पोस्ट शेयर की थी, बल्कि बुज़ुर्ग महिला को लेकर अलग से आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी, जिससे उनकी गरिमा आहत हुई। शीर्ष अदालत ने साफ़ निर्देश दिया था कि कंगना को 27 अक्टूबर को बठिंडा कोर्ट में पेश होना होगा।