KNEWS DESK- बीजेपी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर तमिलनाडु के जहरीली शराब कांड पर उनकी पार्टी की चुप्पी पर सवाल उठाया है| JP नड्डा ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में कहा कि इस कांड में अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 159 लोग अस्पताल में भर्ती हैं| ये मेन मेड डिसास्टर है| उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ डीएमके-आईएनडी गठबंधन सरकार और अवैध शराब माफिया के बीच सांठगांठ को इसकी वजह बताया है|
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि इस शराब कांड के बाद कल्लाकुरिची के करुणापुरम गांव से जलती हुई चिताओं की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसने पूरे देश को झकझोर दिया है| JP नड्डा ने लिखा है, खड़गे जी, जैसा कि आप जानते हैं कि करुणापुरम में अनुसूचित जाति के लोग ज्यादा संख्या में रहते हैं, जिन्हें तमिलनाडु में गरीबी और भेदभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है| इसे देखते हुए, मुझे हैरानी है कि जब इतनी बड़ी आपदा आई, तो आपके नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी ने इस पर चुप्पी साध रखी है|
उन्होंने कहा, कुछ मुद्दों पर हमें पार्टी लाइन से ऊपर उठकर काम करना होगा और एससी, एसटी समुदाय का हित और सुरक्षा ऐसा ही मुद्दा है| नड्डा ने खड़गे से कहा कि वो तमिलनाडु में अपने गठबंधन सहयोगी डीएमके सरकार पर सीबीआई जांच के लिए दबाव डालें और राज्य के आबकारी मंत्री एस. मुथुसामी को उनके पद से तुरंत हटाएं उन्होंने पीड़ितों के परिजन को दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाने की भी मांग की, ताकि उन्हें उचित मदद मिल सके|
बीजेपी प्रमुख ने लिखा, खड़गे जी आज समय आ गया है कि हम सही मायने में इंसाफ के लिए काम करें| आज तमिलनाडु के लोग और पूरा एससी समुदाय कांग्रेस पार्टी और खासकर राहुल गांधी और इंडी गठबंधन के नेताओं की दोहरी भाषा देख रहा है| उन्होंने आरोप लगाया कि इस कांड के बाद अचानक ही संविधान और एससी-ओबीसी समुदाय की भलाई और अधिकारों के बारे में राहुल गांधी की बयानबाजी बंद हो गई है| अब कार्रवाई करने का समय आ गया है| फर्जी बयानों और खोखले वादों से डीएमके-इंडिया गठबंधन सरकार, अनुसूचित जाति के पीड़ितों और उनके परिवारों पर किए गए अन्याय को बदल नहीं सकती|
बीजेपी प्रमुख ने खड़गे से ये भी कहा कि वे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से कहें कि वे या तो पीड़ितों के परिवारों से मिलें या कम से कम इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने की हिम्मत जुटाएं|
JP नड्डा ने कहा कि मीडिया और खोजी रिपोर्टों ने अब तक ये स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में अवैध शराब का कारोबार किस तरह से बिना किसी रोकटोक के राज्य सरकार और पुलिस के संरक्षण में चल रहा था| उन्होंने आरोप लगाया कि जब आपदा आई, तो तुरंत जिम्मेदारी लेने और लोगों की जान बचाने की जगह, राज्य प्रशासन इसे छिपाने की कोशिश करता रहा, जो खतरनाक साबित हुआ| इससे और अधिक लोगों की जान चली गई|