KNEWS DESK – जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के जसरोटा बेल्ट में जनसभा को संबोधित करते समय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को रविवार को चक्कर आ गया। उन्हें एक कमरे में ले जाया गया, जहां जांच के लिए डॉक्टरों को बुलाया गया।
भाषण के दौरान बिगड़ी तबीयत
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के जसरोटा में एक जनसभा के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जब वह भाषण दे रहे थे, तभी उनकी आवाज धीमी पड़ गई और चिकित्सकीय सहायता के लिए मंच पर मेडिकल टीम को बुलाना पड़ा। जनता और मंच पर बाकी लोगों को उनकी तबियत के बारे में तब पता चला जब माइक पर डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया |
इस दौरान अपनी तबीयत बिगड़ने पर उन्होंने कहा कि “जब तक पीएम मोदी को हटाया नहीं जाएगा, तब तक मैं जिंदा रहूंगा।” उन्होंने अपने 83 साल के होने का हवाला देते हुए कहा कि वह इतनी जल्दी हार मानने वाले नहीं हैं। खड़गे ने कहा, “हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ेंगे और कांग्रेस की गारंटी युवाओं और महिलाओं के साथ है।”
कठुआ के अस्पताल में कराया गया भर्ती
खड़गे को कठुआ के GMC अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उन्हें ECG कराने की सलाह दी है। रिपोर्ट आने के बाद उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में और जानकारी मिलेगी।
श्रद्धांजलि अर्पित करने के दुरन हुए बेहोश
दरअसल बता दें कि खरगे कठुआ में आतंकवादियों के खिलाफ जारी अभियान में शहीद हुए हेड कांस्टेबल शहीद बशीर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सभा में मौजूद सभी लोगों से खड़े होने को कहा, उसी दौरान वह बेहोश हो गए। मंच पर मौजूद नेताओं को इस घटना की जानकारी तब हुई जब मेडिकल टीम को बुलाने की जरूरत पड़ी।
कांग्रेस अध्यक्ष की हालत स्थिर
कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, “वे जसरोटा में सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्हें बेचैनी महसूस हुई और चक्कर आने लगा। उनके सहयोगियों ने उन्हें कुर्सी पर बैठाने में मदद की।” कांग्रेस अध्यक्ष की हालत स्थिर है। खरगे विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए रैली को संबोधित करने जसरोटा पहुंचे थे। उनका उधमपुर जिले के रामनगर में एक और सार्वजनिक रैली को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है।
जम्मू कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष रवींद्र शर्मा ने कहा कि खरगे को चक्कर आया और उन्हें एक कमरे में ले जाया गया,जहां जांच के लिए डॉक्टरों को बुलाया गया। डॉक्टर सलाह देंगे कि वह दूसरी रैली में भाग ले सकते हैं या नहीं।