जम्मू कश्मीर ब्लास्टः आंतकी धमाका नहीं बल्कि एक हादसा था… सामने आया जम्मू कश्मीर पुलिस का बयान

डिजिटल डेस्क- दिल्ली ब्लास्ट और उससे जुड़े वाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल की जांच पूरे देश में जारी है। इसी सिलसिले में हुई एक बड़ी दुर्घटना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को गहरा सदमा दिया है। श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार देर रात हुए भीषण विस्फोट में एक तहसीलदार, एक इंस्पेक्टर समेत 9 लोगों की मौत, जबकि 27 लोग घायल हो गए। शनिवार सुबह कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह धमाका कोई आतंकी हमला नहीं, बल्कि जांच के दौरान रखा गया अत्यधिक संवेदनशील विस्फोटक अकस्मात फट जाने से हुई दुर्घटना है।

फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक दो दिन से जांच में था

डीजीपी ने बताया कि दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत के बाद, फरीदाबाद से संदिग्ध डॉ. मुजम्मिल गनई के किराए के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया था। इस सामग्री को निर्धारित प्रक्रिया के तहत नौगाम थाने के सुरक्षित खुले परिसर में रखा गया था और पिछले दो दिनों से इसके सैंपल की जांच की जा रही थी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात 11:20 बजे विस्फोटक अचानक सक्रिय हो गया और बेहद तीव्रता वाला ब्लास्ट हुआ। धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास की इमारतों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं और कई लोग इसकी चपेट में आ गए।

सैंपलिंग के दौरान हुई चूक, हादसे ने छीन ली 9 जिंदगियां

अधिकारियों के अनुसार, जब विस्फोटक के नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए तैयार किए जा रहे थे, तभी तकनीकी चूक या मानव त्रुटि के कारण यह बड़ा हादसा हो गया। डीजीपी ने कहा “यह पूरी तरह दुर्घटना है। कोई आतंकी हमला नहीं। विस्फोटक अत्यधिक अस्थिर था और सैंपलिंग के दौरान अचानक ब्लास्ट हो गया।” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस विभाग शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा है। धमाके में घायल 27 लोगों को श्रीनगर के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई घायलों की हालत चिंताजनक बताई जा रही है। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि घटनास्थल के आसपास फैलने वाले मलबे ने कई कर्मचारियों को प्रभावित किया।

गृह मंत्रालय भी बोला— ‘यह एक्सीडेंटल ब्लास्ट’

इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेट्री प्रशांत लोखंडे ने कहा कि फरीदाबाद से बरामद विस्फोटक को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने की प्रक्रिया के दौरान यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि फिलहाल जांच जारी है और किसी भी तरह की अटकलें लगाने से बचना चाहिए।