डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कुठौंद थानाध्यक्ष अरुण कुमार राय की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला लगातार नया मोड़ ले रहा है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, पूरा घटनाक्रम और पेचीदा होता जा रहा है। अब फोन कॉल डिटेल्स ने इस केस की दिशा बदल दी है। सूत्रों के अनुसार, मौत से तीन दिन पहले तक थानाध्यक्ष अरुण राय और आरोपी महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा के बीच 100 से ज्यादा बार फोन पर बातचीत हुई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि इन कॉल्स में अधिकतर वीडियो कॉल शामिल थे, जिसने जांच टीम को हैरान कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि महिला सिपाही मीनाक्षी बार-बार थानाध्यक्ष से 25 लाख रुपये की मांग कर रही थी। उसका कहना था कि उसकी शादी में होने वाले पूरे खर्च की जिम्मेदारी अरुण राय ही उठाएं। पैसों का यह दबाव और लगातार कॉल ने थानाध्यक्ष को गहरी चिंता में डाल दिया था। इसके अलावा, वह थानाध्यक्ष पर अपनी पत्नी से अलग होने का दबाव भी बना रही थी।
छुट्टी पर भी साथ गए थे दोनों
जांच में यह भी सामने आया है कि हाल ही में दोनों एक साथ छुट्टी पर गए थे। मीनाक्षी कानपुर तक प्रभारी निरीक्षक के साथ गई और वहां से मेरठ चली गई थी। बाद में, वह कानपुर लौटकर फिर अरुण राय के साथ ही वापस जालौन आई। सूत्रों के मुताबिक, महिला सिपाही ने अरुण राय के साथ न सिर्फ अभद्रता की, बल्कि मारपीट भी की थी। इस दौरान उसने पूरी घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया, जो बाद में उसकी ब्लैकमेलिंग का हथियार बन गया। बताया जा रहा है कि जिस दिन विवाद हुआ, उस दिन थानाध्यक्ष मीनाक्षी को कोंच से तीन किलोमीटर पहले उतारकर वापस लौटे थे।
लगातार कॉल और ब्लैकमेलिंग की आशंका
घटना से तीन दिनों तक मीनाक्षी लगातार अरुण राय को फोन कर रही थी। दोनों के बीच 100 से ज्यादा कॉल्स का रिकॉर्ड सस्पिशन को और मजबूत करता है। सूत्रों के अनुसार, मीनाक्षी तीन मोबाइल फोन इस्तेमाल करती थी—दो अपने पास और एक कमरे में रखती थी। वीडियो बनाने के बाद वह सबसे पहले तीसरे फोन में भेजती थी, ताकि कोई वीडियो डिलीट भी हो जाए तो एक प्रति सुरक्षित रहे। बताया जा रहा है कि उसके पास इंस्पेक्टर से जुड़े कई निजी वीडियो थे, जिनके वायरल होने की आशंका से थानाध्यक्ष मानसिक दबाव में थे। पिछले शुक्रवार की रात तकरीबन 9 बजे थाना परिसर स्थित सरकारी आवास से गोली चलने की आवाज सुनाई दी। कुछ ही देर बाद महिला सिपाही मीनाक्षी आवास से दौड़ते हुए बाहर निकली और चिल्लाई कि “थाना प्रभारी ने खुद को गोली मार ली!” जब पुलिसकर्मी कमरे में पहुंचे, तो थानाध्यक्ष अरुण कुमार राय खून से लथपथ, मच्छरदानी के अंदर चारपाई पर पड़े मिले। उन्हें तत्काल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार, डीएम राजेश कुमार पांडे और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। थानाध्यक्ष की पत्नी माया राय ने महिला सिपाही पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। इसके बाद मीनाक्षी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और उसे तुरंत निलंबित कर दिया गया। मूल रूप से संतकबीर नगर के रहने वाले अरुण कुमार राय का पुलिस सेवा में लंबा अनुभव रहा है। वह 1998 में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। उत्कृष्ट कार्य के आधार पर उन्हें 2013 में उप निरीक्षक बनाया गया और 2022 में इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति दी गई। उनकी सेवाएं हमेशा अनुशासन और दक्षता के लिए सराही जाती रही थीं।