जयपुर, साल 2008 में राजस्थान एक के बाद एक आठ ब्लास्ट हुए थे. इस बम ब्लास्ट में 71 लोगों की जान चली गई थी. इसे मामले को लेकर एक लंबी लड़ाई चल रही थी. जिसके बाद नीचली अदालत ने चार लोगों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. जिसको अब जयपुर की हाईकोर्ट ने बदल दिया है. फांसी की सजा पाए चारों दोषियों को बरी कर दिया है.
जयपुर हाइकोर्ट ने चारों दोषियों के डेथ रेफरेंस खारिज कर दिए हैं. ट्रायल कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने सभी सबूतों को खारिज करते हुए चारों को बरी कर दिया है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद चारों दोषियों के वकील सैय्यद अली ने बताया कि ये न्याय की जीत है. पिछले 16 सालों से हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे. अब यह हमारे लिए राहत की खबर है. हाईकोर्ट ने 28 अपीलों को बुधवार को मंजूर कर ये फैसला सुनाया है. जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की बेंच ने कहा- ‘ जांच अधिकारी को लीगल जानकारी नहीं है. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी को कहा गया है.’
UAPA के तहत निचली कोर्ट ने माना था दोषी
साल 2019 में निचली कोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट केस में फैसला सुनाते हुए इस मामले के 4 आरोपियों मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को दोषी माना था. कोर्ट ने आरोपियों को UAPA के तहत अलग-अलग धाराओं में दोषी माना था. एक आरोपी को बरी भी कर दिया गया था. इस मामले में कुल 5 आरोपी थे.
सजा सुनाते वक्त निचली कोर्ट ने कहा था कि विस्फोट के पीछे जेहादी मानसिकता थी. यह मानसिकता यहीं नहीं थमी. इसके बाद अहमदाबाद और दिल्ली में भी विस्फोट किए गए. कोर्ट ने चारों को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया था.
ये था पूरा मामला
जयपुर में 13 मई 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट से पूरा गुलाबी नगर दहल गया था. इस बम ब्लास्ट में 71 लोगों की जान चली गई थी. इसे मामले को लेकर एक लंबी लड़ाई चल रही थी. जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट ने ब्लास्ट से जुड़े सभी 4 दोषियों को बड़ी राहत दी है. जहां उन्हें कोर्ट ने बरी भी कर दिया है. मामले में विशेष न्यायालय ने 20 दिसंबर 2019 को फांसी की सजा का ऐलान किया था. 13 मई 2008 को माणक चौक, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक बम धमाकों से जयपुर दहल गया था. देर शाम को हुए बम धमाकों में 71 लोग मारे गए थे. 185 लोग घायल हो हुए थे. रामचंद्र मंदिर के पास से एक जिंदा बम बरामद किया गया था, जिसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था. अब आज फैसले के बाद एक बार माहौल फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं.
3 लोगों को पुलिस ने बनाया था आरोपी, 3 आरोपी अब तक फरार
मामले में कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था. 3 आरोपी अब तक फरार हैं. 3 हैदराबाद और दिल्ली की जेल में बंद हैं. बाकी बचे 2 गुनहगार दिल्ली में बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं.