डिजिटल डेस्क- नेपाल में चल रहे Gen-Z आंदोलन ने अब खतरनाक मोड़ ले लिया है। विरोध प्रदर्शनों के बीच कई जिलों में कैदियों ने जेल तोड़ दी और बड़ी संख्या में फरार हो गए। दार्चुला और बैतड़ी जिलों की जेलों से कुल 143 कैदी फरार होने की पुष्टि हुई है। बैतड़ी के मुख्य जिला अधिकारी (सीडीओ) पुण्य विक्रम पौडेल ने बताया कि बैतड़ी जेल से 62 और दार्चुला जेल से 81 कैदी भाग गए। इनमें से कई अपराधी हत्या, बलात्कार और अपहरण जैसे गंभीर मामलों में सजा काट रहे थे। दार्चुला जेल के सात कैदियों ने भागने से इन्कार कर दिया।
कुछ कैदियों को भारत में घुसने के दौरान पकड़ा गया
बताया जा रहा है कि कैदियों ने रात में जेल में तोड़फोड़ और आगजनी की, जिससे हालात बेकाबू हो गए। पुलिस और प्रशासन के प्रयासों के बावजूद कैदियों को काबू में नहीं किया जा सका और वे ताले तोड़कर फरार हो गए। नेपाल के राज बिराज जेल में भी आगजनी हुई, जबकि बीरगंज जेल में भागने की कोशिश नाकाम कर दी गई। कुछ कैदियों को भारत में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया गया है।
सीमा से सटे पिथौरागढ़ पर हाई अलर्ट
इस घटना के बाद नेपाल पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। भारत-नेपाल सीमा से सटे पिथौरागढ़ जिले को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि कैदी काली नदी या झूला पुलों के जरिए पिथौरागढ़ जनपद की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। इसी को देखते हुए पिथौरागढ़ पुलिस और एसएसबी की संयुक्त टीमें गश्त तेज कर चुकी हैं। सीमा पार से आने-जाने वाले हर व्यक्ति की कड़ी जांच की जा रही है।
नेपाल में हुई हिंसा का असर भारत के बाजारों पर भी
नेपाल में जारी हिंसक प्रदर्शनों का असर भारत के बाजारों पर भी दिखाई देने लगा है। पिथौरागढ़ जिले से लगे बैतड़ी, दार्चुला और डडेलधूरा के स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद हैं। यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी है। झूलाघाट के व्यापारी बताते हैं कि नेपाल से आने वाले खरीदार नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे कारोबार घटकर एक चौथाई रह गया है। स्थानीय व्यवसाय पूरी तरह नेपाल की स्थिरता पर निर्भर हैं और व्यापारी शांति बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं।