डिजिटल डेस्क- मानसून सत्र के समापन से एक दिन पहले अचानक इस्तीफा देकर चर्चा में आये जगदीप धनखड़ एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। उनके चर्चा में आने की वजह इस्तीफे के बाद सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाते हुए अचानक से पेंशन के लिए आवेदन करना है। बताया जा रहा है कि उन्होंने राजस्थान विधानसभा में पेंशन के लिए आवदेन किया है। विधानसभा सचिवालय ने उनके इस आवेदन को स्वीकार भी कर लिया है।
लंबा रहा राजनीतिक इतिहास
बताते चलें कि जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर लंबा और विविध रहा है। वे 1989 से 1991 तक झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र से जनता दल के सांसद रहे और चंद्रशेखर सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद 1993 में वे कांग्रेस के टिकट पर किशनगढ़ से विधायक चुने गए। 2019 से 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और 2022 से 2025 तक भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में उन्होंने अपनी सेवाएं दीं।
42 हजार प्रतिमाह मिलेगी पेंशन
विधानमंडल नियमों के अनुसार 74 साल के धनखड़ को करीब 42 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। दरअसल राजस्थान में नेताओं के लिए दोहरी-तिहरी पेंशन व्यवस्था लागू है, जिसके तहत सांसद और विधायक पेंशन ले सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति सांसद और विधायक, दोनों पदों पर रहा है तो वह दोनों पदों की पेंशन ले सकता है।
स्वास्थ्य कारणों से दिया था इस्तीफा
बता दें कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका यह निर्णय राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। इस्तीफे के बाद से वे सार्वजनिक जीवन से दूर हैं और किसी भी राजनीतिक या सामाजिक मंच पर नजर नहीं आए हैं।
पद छोड़ने के बाद मिलती हैं ये सुविधाएं
1-पूर्व उपराष्ट्रपति को आजीवन पेंशन मिलती है।
2- दिल्ली में एक भूतपूर्व उपराष्ट्रपति को एक फ्री सरकारी बंगला आवंटित किया जा सकता है, जब तक कि वो जीवित हैं या जब तक वो उस सुविधा को लेते हैं।
3- एक सरकारी कार और चालक की सुविधा दी जाती है।
4- Z श्रेणी की सुरक्षा (या स्थिति के अनुसार) मिल सकती है, जिसमें सुरक्षाकर्मी और एस्कॉर्ट वाहन शामिल होते हैं।
5- कुछ निश्चित संख्या में स्टाफ (जैसे निजी सचिव, सहायक आदि) की सुविधा दी जाती है।
6- एक छोटा कार्यालय (आमतौर पर दिल्ली में) और उससे संबंधित सुविधाएं (जैसे कंप्यूटर, टेलीफोन, इंटरनेट आदि) भी प्रदान की जाती हैं।
7- भारत सरकार पूर्व उपराष्ट्रपति को कुछ सीमित आधिकारिक यात्राओं के लिए हवाई यात्रा सुविधा (बिजनेस क्लास या सरकारी विमान से) दे सकती है।