KNEWS DESK- इसरो जल्द ही सूरज के बारे में जानने के लिए एक मिशन की शुरुआत कर रहा है। इस सोलर मिशन का नाम है आदित्य एल-1। आपको बता दें कि जल्द ही अंतरिक्ष में आदित्य L-1 नाम की ऑब्जर्वेटरी को भेजा जाएगा। इस मिशन को सितंबर के पहले हफ्ते में लॉन्च किया जा सकता है। आदित्य L-1 स्पेसक्राफ्ट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।
आदित्य L-1 पर बोले इसरो अध्यक्ष डॉ एस. सोमनाथ
सोमनाथ ने कहा कि आदित्य L-1 मिशन प्रक्षेपण अंडाकार कक्षा में जाएगा। आदित्य एल-1 सूरज के रहस्यों का अध्ययन करने वाला भारत का पहला मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किए जाने के पूरे चार महीने बाद सूरज-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 (L-1) तक पहुंचेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो के सूर्य मिशन के बारे में कहा कि चाँद के सफल मिशन के बाद अब सूरज पर स्टडी हो रही है।
इसरो ने बताया कि सूरज पर होने वाले रिएक्शन के चलते अचानक ज्यादा एनर्जी होती है। जिसे कोरोनल मास इजेक्शन कहते है जिसका तमाम सैटेलाइट्स पर भी असर हो सकता है। आग के लपटों में कैसे किसी सैटेलाइट को रखा जाएगा। ये एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब भी आदित्य L-1 में है। इसमें सूरज और पृथ्वी का गुरूत्वाकर्षण शून्य होता है। इसका मतलब सूर्य का गुरूत्वाकर्ष, पृथ्वी का, सैटेलाइट को अपनी तरफ खीचेगा। आपको बता दें कि आदित्य L- 1 की पृथ्वी से दूरी 15 लाख किमी है।
“L1 सबसे सुरक्षित प्वाइंट”
आपको बता दें कि लैगरेंज प्वाइंट 1 (एल-1) के चारों तरफ एक हेलो ऑर्बिट में होने के कारण इस प्वाइंट पर सूरज के ग्रहण का असर नहीं पड़ता। यह सूरज की स्टडी , सूट कोरोनल हीटिंग ,कोरोनल मास इजेक्शन, प्री फ्लेयर और उनकी विशेषताओं मौसम की जानकारी, आदि के बारे बताएगा।