KNEWS DESK- संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा है और आज यानी 18 दिसंबर को सदन में लोकसभा स्पीकर नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच एक उच्च-स्तरीय समिति कर रही है।
ओम बिरला ने तख्तियों को सदन में लेकर आने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से सदन की गरिमा कम हुई है। बिरला ने कहा, ‘ये बेहद ही दुख की बात है कि इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। सदन के वेल में घुसकर नारेबाजी करना सदन की गरिमा के खिलाफ है। मैं आपसे (विपक्ष से) महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए सहयोग का अनुरोध करता हूं.’ विपक्षी सांसदों ने सदन में न सिर्फ प्रदर्शन किया है, बल्कि नारेबाजी भी की है।
“उच्च स्तरीय समिति ने जांच शुरू की”
प्रश्नकाल के दौरान अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा कि संसद की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय के दायरे में है। कुछ विपक्षी सदस्यों का निलंबन 13 दिसंबर की घटना से नहीं बल्कि सदस्यों के जरिए सदन में तख्तियां लेकर आने से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि एक उच्च स्तरीय समिति ने पहले ही अपनी जांच शुरू कर दी है। संसद की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सर्वदलीय बैठक में दिए गए कुछ सुझावों को भी लागू किया गया है। बिरला ने कहा कि वह इस मुद्दे पर सदस्यों से सलाह लेना जारी रखेंगे और उनसे अपनी सीट लेने का आग्रह किया।
प्रह्लाद जोशी ने भी विपक्षी सदस्यों से ‘हाथ जोड़कर’ तख्तियां न लहराने की अपील की। उन्होंने कहा कि कार्य सलाहकार समिति की बैठक में तख्तियां न ले जाने पर सहमति बनी थी। विपक्षी सांसदों ने बिरला के साथ-साथ जोशी की अपील को भी नजरअंदाज कर दिया और नारेबाजी के साथ अपना विरोध जारी रखा, जिसकी वजह से अध्यक्ष ने दोपहर 12 बजे तक सदन को स्थगित करने का ऐलान किया।
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