संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति, शारदा सिन्हा के निधन पर पीएम मोदी, सीएम नीतीश और हेमंत सोरेन ने जताया शोक

KNEWS DESK-  लोक संगीत की अद्वितीय आवाज़ और बिहार की ‘कोकिला’ के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा का मंगलवार रात दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। वह 72 वर्ष की थीं और कुछ समय से गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। शारदा सिन्हा का निधन देशभर के संगीत प्रेमियों के लिए एक अपूरणीय क्षति है, और उनके निधन की खबर ने शोक की लहर दौड़ा दी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!”

बिहार के मुख्यमंत्री ने जताया शोक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, “बिहार कोकिला शारदा सिन्हा मशहूर लोक गायिका थीं, जिन्होंने मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका और हिन्दी गीतों को अपनी आवाज़ से जीवित किया। उनका योगदान संगीत जगत में अनमोल रहेगा। उनके निधन से संगीत प्रेमियों में एक गहरी शून्यता आ गई है।”

झारखंड के मुख्यमंत्री ने जताया शोक

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “शारदा सिन्हा का चले जाना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई शायद ही कभी पूरी हो पाएगी। उनके द्वारा गाए गए गीत हमेशा याद रखे जाएंगे।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जताया दुख

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर दुख जताया। उन्होंने अपने शोक संदेश में लिखा, “बिहार कोकिला के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा जी के निधन का समाचार दुःखद है। उन्होंने अपनी मधुर आवाज से भोजपुरी और मैथिली लोकगीतों को देश-विदेश में ख्याति दिलाई। खासकर महापर्व छठ पर उनकी गायकी उनके श्रोताओं को खूब याद आएगी।”

शारदा सिन्हा का योगदान और सम्मान

शारदा सिन्हा की आवाज़ लोक संगीत के प्रति भारतीय जनता के जुड़ाव को एक नया आयाम देती थी। उनके गाए हुए गीत, विशेष रूप से छठ पूजा के गीत, हर घर में गाए जाते थे और बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित भारत के अन्य हिस्सों में अत्यधिक लोकप्रिय रहे हैं।

वह मैथिली, भोजपुरी और हिन्दी भाषाओं में गाने के साथ-साथ कई फिल्मी गीतों में भी अपनी आवाज़ दे चुकी थीं। उनके द्वारा गाए गए गीतों की सूची में ‘विवाह गीत’, ‘छठ गीत’, और ‘उग हो सूरज देव’ जैसे प्रसिद्द लोकगीत शामिल हैं। संगीत जगत में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्मभूषण से नवाजा था। शारदा सिन्हा के निधन से भारतीय लोक संगीत की धरोहर को अपूरणीय क्षति हुई है।

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