KNEWS DESK, मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस रद्द होने से उसके खिलाफ चल रहे ऐसे मामलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा जो ही एडवांस स्टेज में है। एक संबंध में एक संधि पहले से ही प्रभावी है। ऐसे में जैसे ही चोकसी को गिरफ्तार किया जाएगा, उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी। सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है…
मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के रेड नोटिस डाटाबेस से हटने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए सीबीआई ने कहा है कि “भारत की ओर से किए गए प्रत्यर्पण अनुरोध पर एंटीगुआ और बारबुडा में अधिकारियों के समक्ष सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है।” सीबीआई ने यह भी कहा है कि “इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के डाटाबेस से उसका नाम हटने का कोई असर नहीं पड़ेगा।”
केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि “सीबीआई इस त्रुटिपूर्ण निर्णय को सुधारने और रेड नोटिस की बहाली के लिए इंटरपोल के भीतर उपलब्ध उपचारात्मक और अपीलीय विकल्पों का उपयोग करना जारी रखेगी।” सीबीआई ने कहा है कि एंटीगुआ के अधिकारियों का भी मानना है कि इस बात की पुष्टि के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि आवेदक ने एंटीगुआ और बारबुडा नागरिकता के लिए आवेदन करते समय भौतिक तथ्यों को छिपाया या गलत चीजें बतायी। यह एक ऐसा तथ्य है जो इस अपराधी के पिछले आचरण को दर्शाता है।
इंटरपोल ने सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर दिसंबर 2018 में वांछित आरोपी मेहुल चीनूभाई चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस प्रकाशित किया था। सीबीआई ने कहा कि “मेहुल चीनूभाई चोकसी के बारे में इंटरपोल रेड नोटिस के प्रकाशन से पहले ही पता चल गया था कि वह कहा है, साथ ही उसके प्रत्यर्पण के लिए कदम भी उठाए गए थे। हालांकि रेड नोटिस का प्राथमिक उद्देश्य पहले ही हासिल कर लिया गया था, लेकिन एहतियाती उपाय के रूप में इसे बरकरार रखा गया था।”
वहीं दूसरी ओर, इस मामले में मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा है कि “इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस हटा दिया है। कानूनी टीम इस मामले को इंटरपोल के समक्ष उठा रही है। इंटेरपोल ने मेहुल चोकसी पर से रेड कॉर्नर नोटिस हटा दिया है और अब वह भारत को छोड़कर कहीं भी यात्रा करने के लिए स्वतंत्र है।” हालांकि इससे भारत में लंबित उनके आपराधिक मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। यह रेड कॉर्नर नोटिस एक प्रयास था कि “उसे पकड़ा जा सके और भारत लाया जा सके यदि वह कहीं भी यात्रा कर रहा है। ऐसे में अब उन्हें इस जोखिम से राहत मिल गई है।”
चोकसी के वकील के अनुसार मेरे क्लाइंट की कई शर्तों को देखने के बाद इंटरपोल ने इसे हटा दिया है। उनका केस अन्य मामलों से अलग है। नीरव मोदी और विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है और उनकी कार्यवाही चल रही है, लेकिन मेहुल चोकसी के मामले में मैंने मुंबई उच्च न्यायालय से भगोड़ा घोषित करने की कार्यवाही पर स्टे ले रखा है।