KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनवरी से लेकर 22 फरवरी तक के 45 दिनों में महाकुंभ मेला क्षेत्र का अभूतपूर्व दौरा किया। वह ऐसे पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं जिन्होंने इतने बार मेला क्षेत्र का दौरा किया है। महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व है और इसमें मुख्यमंत्री का सक्रिय रूप से भाग लेना उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है।
महाकुंभ का इतिहास बहुत प्राचीन है, लेकिन आज़ाद भारत में पहला महाकुंभ 1954 में 14 जनवरी से 3 मार्च तक आयोजित किया गया था। उस वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत थे, जिन्होंने दो से तीन बार मेला क्षेत्र का दौरा किया था। इसके बाद, 2025 तक, कोई भी मुख्यमंत्री इस मेला में इतनी बार नहीं आया था, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने यह रिकॉर्ड बना दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने महाकुंभ दौरे में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लिया और मेला क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की। उनके दौरे की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- 09 जनवरी: मुख्यमंत्री ने 13 अखाड़ों, दंडीबाड़ा, खाक चौक और योगी महासभा के शिविरों का दौरा किया। इसके साथ ही, डिजिटल मीडिया सेंटर का उद्घाटन भी किया।
- 10 जनवरी: मुख्यमंत्री ने प्रसार भारती के चैनल ‘कुंभवाणी’ का शुभारंभ किया और परिवहन निगम की बसों को हरी झंडी दिखाई।
- 19 जनवरी: उन्होंने पूज्य शंकराचार्य और संत महात्माओं से मुलाकात की, साथ ही प्रदर्शनी, पुलिस गैलरी, संविधान गैलरी और पर्यटन गैलरी का उद्घाटन किया।
- 22 जनवरी: योगी आदित्यनाथ ने पूरे मंत्री परिषद के साथ पावन संगम स्नान किया और कैबिनेट की बैठक भी की।
- 25 जनवरी: उन्होंने अखिल भारत वर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के कार्यक्रम में भाग लिया और गुरु गोरक्षनाथ अखाड़ा में उपस्थित हुए। साथ ही, विश्व हिंदू परिषद के सम्मेलन में भी गए।
- 27 जनवरी: गृहमंत्री अमित शाह के आगमन पर उनका स्वागत किया और त्रिवेणी संगम में पूजन किया।
- 01 फरवरी: मुख्यमंत्री ने भारत सेवाश्रम शिविर का दौरा किया, उपराष्ट्रपति का स्वागत किया और 73 देशों के राजनयिकों से संवाद व समीक्षा बैठक की।
- 04 फरवरी: बौद्ध महाकुंभ कार्यक्रम में भाग लिया, मीडिया से संवाद किया और भूटान नरेश का स्वागत किया।
- 05 फरवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर उनका स्वागत किया और त्रिवेणी संगम का पूजन किया।
- 10 फरवरी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन पर उनका स्वागत किया, हनुमान मंदिर, अक्षयवट का दौरा किया और डिजिटल महाकुंभ का निरीक्षण किया।
- 16 फरवरी: जलवायु सम्मेलन में भाग लिया, प्रदीप मिश्रा की कथा में सम्मिलित हुए और प्रभु प्रेमी संघ शिविर के समापन समारोह में शामिल हुए।
- 22 फरवरी: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के आगमन पर उनका स्वागत किया और महाशिवरात्रि की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का महाकुंभ मेला क्षेत्र का यह दौरा राज्य सरकार की कड़ी मेहनत और व्यवस्थाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनकी लगातार उपस्थिति ने यह सुनिश्चित किया कि मेला क्षेत्र में हर कार्य सुचारू रूप से चले और श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। इसके साथ ही, योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का भी उद्घाटन किया, जिससे मेला क्षेत्र के विकास में और भी तेजी आई।
महाकुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यटन और राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम है। मुख्यमंत्री के इन लगातार दौरों ने यह सुनिश्चित किया कि उत्तर प्रदेश की सरकार इस ऐतिहासिक आयोजन को पूरी दुनिया में एक बेहतरीन उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
योगी आदित्यनाथ के महाकुंभ मेला क्षेत्र में लगातार दौरे से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस आयोजन को लेकर गंभीर है और श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके नेतृत्व में, महाकुंभ 2025 एक सफल और यादगार आयोजन बनने की पूरी संभावना है।
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