KNEWS DESK- 13 अक्टूबर यानि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित G20 पार्लियामेंट्री स्पीकर समिट को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये सम्मेलन दुनिया भर की Parliamentary Practices का महाकुंभ है। साथ ही पीएम मोदी ने इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का भी जिक्र किया।
“भारत दशकों से झेल रहा है आतंकवाद का दंश”
इस दौरान आतंकवाद का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘ये सबके विकास और कल्याण का समय है। हमें वैश्विक विकास के संकट को दूर करना होगा और मानव केंद्रित सोच पर आगे बढ़ता है। हमें विश्व को वन अर्थ, वन फैमिली और वन भावना के नजरिए से देखना होगा। भारत दशकों से सीमापार आतंकवाद का सामना कर रहा है। यहां आतंकियों ने हजारों निर्दोष लोगों की जान ली है। आतंवादियों ने करीब 20 साल पहले हमारी संसद को भी निशाना बनाया था। उस समय संसद का सत्र चल रहा है। आतंकियों की तैयारी सांसदों को बंधक बनाने और उन्हें खत्म करने की तैयारी थी। भारत ऐसे अनेक आतंकी वारदातों से निपटते हुए यहां पहुंचा है।
आतंकवाद पर बोले पीएम मोदी
आतंकवाद की परिभाषा को लेकर वैश्विक जगत की हिप्पोक्रेसी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘अब दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद कितनी बड़ी चुनौती है। आतंकवाद चाहे कहीं भी होता है, किसी भी कारण से होता है, किसी भी रूप में होता है लेकिन वो मानवता के विरुद्ध होता है, ऐसे में आतंकवाद को लेकर हम सभी को लगातार सख्ती बरतनी ही होगी. हालांकि इसका एक वैश्विक पक्ष और है, जिसकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं, आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति नहीं बन पाना ये बहुत दुखद है। आज भी यूएन में इंटरनेशनल कंन्वेंशन इनकॉम्बेंटिंग टेररिज्म कांससेस का इंतजार कर रहा है। दुनिया के इसी रवैए का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं। दुनियभार की संसदों को, प्रतिनिधियों को ये सोचना होगा कि आतंकवाद की इस लड़ाई हम कैसे मिलकर साथ काम करें.’
समय के साथ भारत की संसदीय प्रक्रियाओं में हुआ सुधार
भारत के संसदीय लोकतंत्र का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि समय के साथ भारत की संसदीय प्रक्रियाओं में निरंतर सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि ये प्रक्रियाएं और सशक्त हुई हैं और भारत में हम लोग General Elections को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 1947 में आजादी मिलने के बाद से अब तक भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक राज्य विधानसभा चुनाव हो चुके हैं।
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“शांति और भाईचारे का समय”
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया के अलग कोनों में आज जो कुछ भी घट रहा है उससे कोई अछूता नहीं रहा है। आज दुनिया संकटों से जूझ रही है और इन संकटों से भरी दुनिया किसी के भी हित में नहीं है। मानवता के सामने जो बड़ी चुनौतियां हैं उनका समाधान एक बंटी हुई दुनिया नहीं दे सकती है। यह शांति और भाईचारे का समय है, साथ चलने और साथ आगे बढ़ने का समय है। यह सबके विकास और कल्याण का समय है.’
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