KNEWS DESK- भारत और कनाडा के बीच का माहौल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। भारत एक बार फिर कनाडा के प्रति सख्त दिखाई दे रहा है। खालिस्तानियों के मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच गतिरोध के बीच भारत ने कनाडाई अधिकारियों से कहा है कि वे 10 अक्टूबर तक लगभग 40 राजनयिकों को वापस बुला लें अन्यथा उनकी राजनयिक छूट वापस ले ली जाएगी। हालांकि भारत सरकार ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
भारत में कनाडा के 62 राजनयिक काम कर रहे हैं जिनमें से लगभग 40 राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा गया है। इससे पहले भारत ने कनाडा के नागरिकों की वीजा सेवाएं निलंबित कर दी थीं।
भारत ने कनाडा से 10 अक्टूबर तक 41 राजनयिकों को वापस बुलाने को कहा..#india #canada #indocanadian #IndiaCanadaTension pic.twitter.com/aiZKwc7CMP
— Knews (@Knewsindia) October 3, 2023
जानें पूरा मामला
पिछले कुछ समय से कनाडा में ‘ख़ालिस्तान’ समर्थक संगठनों की गतिविधियों की वजह से भारत के साथ उसके रिश्तों में तनाव दिख रहा है। इस साल जुलाई में कनाडा में ‘ख़ालिस्तान’ समर्थक संगठनों ने कुछ भारतीय राजनयिकों के पोस्टर लगा कर उन्हें निशाना बनाए जाने की अपील की थी। जिसके बाद से भारत ने भी अपने हक की लड़ाई लड़ना शुरू किया। इतना ही नहीं कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खुले आम ये आरोप लगाया निज्जर की हत्या भारत ने करवाई जिसके बाद से एक बार फिर भारत और कनाडा के रिश्ते बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं।
रिश्तों को सुधारने की पहले हो चुकी है कोशिश
साल 2000 के दौरान कनाडा की सरकार ने भारत के साथ रिश्तों को सुधारने का फैसला किया। 2001 में उसने भारत पर लगे अपने सभी आर्थिक प्रतिबंध हटा लिए। ये प्रतिबंध परमाणु परीक्षणों की वजह से लगाए गए थे। 2010 में कनाडा ने भारत के साथ मुक्त व्यापार (एफटीए) पर बातचीत शुरू की। 2010 में ही भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी-20 देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा गए थे। इस दौरान भारत और कनाडा के बीच सिविल न्यूक्लियर समझौता किया गया।
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