KNEWS DESK- पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं। फर्जी प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी और उनका बेटा जेल में बंद हैं तो वहीं अब आजम खान के करीबियों के घर पर इनकम टैक्स की छापेमारी चल रही है। आपको बता दें कि रामपुर में सपा नेता के करीबियों के घर पर आईटी विभाग की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, लगभग 50 गाड़ियों में सवार होकर आयकर विभाग की टीम के लोग दिल्ली से रामपुर पहुंचे हैं। जो कई जगहों पर छापेमारी कर रहे हैं।
आयकर विभाग की टीम पहले समाजवादी पार्टी के नेता फरहत खान और शावेज खान के घर पहुंची और फिर अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। स्थानीय रामपुर पुलिस भी मौके पर कानून व्यवस्था संभालने में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों के यहां यह कार्रवाई हो रही है। कुछ दिन पहले आजम खान के घर और ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी और अब उनके करीबियों पर आयकर विभाग की टीमें छापेमारी कर रही हैं।
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात साल की सजा सुनाई गई थी। इस केस में उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला को भी सात-सात साल की सजा मिली है। तीनों फिलहाल अलग-अलग जेलों में बंद हैं। आजम खान जहां सीतापुर की जेल में हैं तो उनके बेटे हरदोई की जेल में और पत्नी रामपुर की जेल में बंद हैं। उन्हें लेकर प्रदेश के सियासत भी तेज है। सपा और कांग्रेस दोनों ने ही आजम खान को समर्थन देते हुए बीजेपी सरकार की आलोचना की है। इस बीच इन दोनों पार्टियों में जुबानी जंग भी चल रही है। सपा के नेता आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस आजम खान पर डोरे डाल रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय बीते गुरुवार को सीतापुर की जेल में आजम खान से मिलने भी गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।
जेल प्रशासन ने कहा कि आजम खान ने मिलने से इनकार कर दिया। जबकि अजय राय ने कहा कि हमने जेल द्वारा आवश्यक सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं। हमने कल जेल मैनुअल के अनुसार आवेदन भी भेजा था और अपने कार्यालय से एक मेल भी भेजा था। इन सबके बाद, जेल प्रशासन ने हमें बताया कि हम उनसे (आजम खान) नहीं मिल सकते। वे राज्य सरकार के दबाव में हमें उनसे मिलने नहीं दे रहे हैं। घबराई सत्ता ने हम सभी को मुलाकात करने से रोक दिया। साजिश के तहत एक जनप्रिय नेता को जेल में रखना उचित नहीं है।
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