डिजिटल डेस्क- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेहत को लेकर सोशल मीडिया और विदेशी मीडिया में फैल रही अफवाहों के बीच अदियाला जेल प्रशासन ने बड़ा अपडेट जारी किया है। रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इमरान खान को किसी अन्य जेल या अस्पताल में शिफ्ट किए जाने की खबरें पूरी तरह गलत हैं। उनके मुताबिक, इमरान खान की स्वास्थ्य स्थिति सामान्य है और उन्हें जेल में सभी जरूरी चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल जियो न्यूज के अनुसार, अदियाला जेल अधिकारियों ने बताया कि इमरान खान के ट्रांसफर या उनकी सेहत बिगड़ने से संबंधित खबरें बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि इमरान खान रोजाना रूटीनी मेडिकल चेकअप से गुजरते हैं और डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी स्थिति की निगरानी कर रही है। जेल अधिकारियों के अनुसार, “इमरान खान को किसी प्रकार की स्वास्थ्य जटिलता नहीं है और वह पूरी तरह स्थिर हैं।”
पार्टी ने सरकार से की मांग—‘अफवाहें रोकी जाएं, परिवार से कराई जाए मुलाकात’
गुरुवार सुबह इमरान खान की पार्टी ने X पर एक बयान जारी कर कहा कि उनकी सेहत को लेकर अफगान मीडिया, भारतीय मीडिया और विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा गलत दावे फैलाए जा रहे हैं। पार्टी ने पाकिस्तान सरकार और गृह मंत्रालय से अपील की है कि वे इन अफवाहों का तुरंत खंडन करें और इमरान खान की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करते हुए आधिकारिक बयान जारी करें। पार्टी ने यह भी मांग की कि सरकार इमरान खान और उनके परिवार की तुरंत मुलाकात कराए, ताकि उनके परिजन उनके स्वास्थ्य को लेकर खुद आश्वस्त हो सकें।
सोशल मीडिया पर इमरान की मौत तक की अफवाहें
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर इमरान खान की तबीयत गंभीर होने, उन्हें गुपचुप शिफ्ट किए जाने और यहां तक कि उनकी मौत से जुड़ी अफवाहें भी फैल रही थीं। इन अफवाहों ने उस समय जोर पकड़ा जब बीते सप्ताह इमरान खान की तीन बहनों ने अदियाला जेल के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस की कार्रवाई की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इसके बाद से सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने दावा किया कि इमरान खान की हालत बेहद खराब है। इमरान खान की पार्टी ने इस मामले में पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा है कि सरकार को उनकी सेहत, सुरक्षा और जेल की स्थिति पर एक साफ और आधिकारिक बयान जारी करना चाहिए। पार्टी का कहना है कि फर्जी खबरों ने देशभर में उनके समर्थकों में चिंता बढ़ा दी है, जिसे रोकना सरकार की जिम्मेदारी है।