दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाली अवैध फैक्ट्रियों पर गिरेगी गाज, ड्रोन से होगी पहचान

KNEWS DESK-  दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) अब अवैध रूप से चल रही फैक्ट्रियों और इकाइयों पर सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रही है। खासकर उन फैक्ट्रियों पर, जो राजधानी के रिहायशी इलाकों में अवैध तरीके से चल रही हैं और प्रदूषण फैला रही हैं। इनमें जींस रंगाई की फैक्ट्रियां, रेडी-मिक्स कंक्रीट (आरएमसी) प्लांट और इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां शामिल हैं, जो हवा और पानी की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं।

ड्रोन सर्वे से होगी पहचान और कार्रवाई

डीपीसीसी प्रदूषण फैलाने वाली इन अवैध इकाइयों का पता लगाने के लिए ड्रोन-आधारित सर्वेक्षण तकनीक का इस्तेमाल करेगी। इस ड्रोन सर्वे के तहत 15 दिनों के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तुखमीरपुर, करावल नगर, गोकुलपुरी, गाजीपुर, आली विहार, और मीठापुर जैसे प्रमुख प्रदूषण हॉटस्पॉट्स के आसपास के इलाकों में सर्वे किया जाएगा। इस दौरान, ड्रोन की मदद से ऊंचाई से इन इकाइयों की तस्वीरें ली जाएंगी, जो प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की पहचान करने में मदद करेंगी।

प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर होगी सख्त कार्रवाई

यह सर्वे राजधानी में अवैध डाइंग इकाइयों और जींस वॉशिंग यूनिट्स को ढूंढने के लिए विशेष रूप से किया जाएगा, जो लंबे समय से प्रदूषण फैला रही हैं। इन इकाइयों से निकलने वाला धुंआ और गंदा पानी यमुना नदी को भी प्रदूषित कर रहा है, जिससे दिल्ली का जल और वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। सर्वे के दौरान ड्रोन लगभग 45-60 मिनट की उड़ान भरेंगे और 750 फीट की ऊंचाई से तस्वीरें लेंगे। इसकी दृश्यता सीमा 3-5 किमी तक होगी।

निविदा जारी, 17 ड्रोन से होगी निगरानी

डीपीसीसी ने इस सर्वे के लिए एक निविदा जारी की है, जिसके तहत इच्छुक एजेंसियों को ड्रोन आधारित योजना, मसौदा डिजाइन और कार्य योजना प्रस्तुत करनी होगी। साथ ही, ड्रोन द्वारा एकत्रित किए गए डेटा और तस्वीरों को ऑनलाइन डीपीसीसी को सौंपना होगा। यह डेटा और तस्वीरें प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों की पहचान में मदद करेंगी, ताकि इन पर त्वरित कार्रवाई की जा सके और इन्हें बंद किया जा सके।

दिल्ली का प्रदूषण और इसके प्रभाव

दिल्ली पिछले 10 से 15 वर्षों से गंभीर वायु और जल प्रदूषण का सामना कर रही है। इससे न केवल राजधानी के पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि इसके कारण स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण दिल्ली में सांस की बीमारियों, अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधित समस्याओं में वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, यमुना नदी भी प्रदूषित हो रही है, जो दिल्लीवासियों के लिए एक और गंभीर चिंता का विषय है।

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