KNEWS DESK- समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इस घटना को भाजपा की सोची-समझी रणनीति करार दिया। अखिलेश यादव ने कहा कि संसद सत्र के शुरू होते ही समाजवादी पार्टी ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी, लेकिन सदन की कार्यवाही में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई। उन्होंने कहा, “हम अब भी अपनी मांगें वही हैं, हम संभल की घटना पर सदन में अपनी बात रखना चाहते हैं।”
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि संभल के अधिकारी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं और यह सब भाजपा की रणनीति के तहत किया जा रहा है, ताकि लोगों का ध्यान अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से भटकाया जा सके। उन्होंने कहा, “जिन लोगों को हर जगह खुदाई करने की आदत है, वे एक दिन देश की सौहार्द्रता और भाईचारे को खो देंगे।”
बांग्लादेश मुद्दे पर भी अखिलेश यादव ने भारत सरकार से सवाल किया और कहा कि अगर सरकार संतों का सम्मान नहीं कर सकती, तो वह एक मजबूत सरकार होने का दावा कैसे कर सकती है।
सपा सांसद राम गोपाल यादव का कड़ा बयान
सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद राम गोपाल यादव ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देशभर में मस्जिदों के सर्वेक्षण की घटनाओं के जरिए अशांति पैदा करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि इस मामले का संज्ञान लिया जाए और जो जज इस प्रकार के आदेश दे रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
संभल हिंसा का घटनाक्रम
संभल में 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसक विवाद भड़क गया था। इस विवाद में फायरिंग और पथराव की घटनाएं हुईं, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग घायल हो गए, जिनमें अधिकांश पुलिसकर्मी थे। हिंसा के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया और प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया। पुलिस और प्रशासन की कड़ी निगरानी के बावजूद स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है, जिससे सरकार के खिलाफ विपक्ष का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल संभल बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में तनाव का माहौल पैदा किया है, और विपक्षी दल अब इस मुद्दे को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि यह हिंसा जानबूझकर विवादित मुद्दे पैदा करने के लिए की गई है, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाया जा सके।
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