‘हिंदू नहीं रहेगा तो दुनिया नहीं रहेगी’…लखनऊ में बोले RSS चीफ मोहन भागवत

KNEWS DESK – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में देश के इतिहास, संस्कृति और वर्तमान बदलावों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष कभी दुनिया का विश्वगुरु था और अनेक राजवंशों से समृद्ध यह देश 1000 साल तक बाहरी हमलावरों के अत्याचारों का सामना करता रहा। बावजूद इसके, भारत की आत्मा कभी नहीं टूटी।

“भारत का वैभव भी था… और संघर्ष भी”

मोहन भागवत ने कहा कि प्राचीन समय में भारत दुनिया का बड़ा संबल था और उसका वैभव अद्वितीय था। लेकिन 1000 वर्षों तक आक्रांताओं द्वारा देश को रौंदा गया| धार्मिक स्थलों को नष्ट किया गया| जबरन धर्मांतरण करवाए गए| जनता को गुलामी झेलनी पड़ी|

उन्होंने कहा कि कठिन समय के बावजूद भारत की पहचान नहीं बदली। भागवत ने कहा, “यह तब भी भारत था। यह अब भी भारत है। वैभव के दिन भी चले गए और आक्रमण के दिन भी अब चले गए। राम मंदिर पर हम झंडा फहराने वाले हैं।” भागवत 25 नवंबर तक उत्तर प्रदेश के प्रवास पर रहेंगे और राज्य के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

मणिपुर में दिया बयान

कुछ दिन पहले मोहन भागवत पूर्वोत्तर भारत के दौरे पर थे। मणिपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अगर हिंदू नहीं रहेगा तो दुनिया नहीं रहेगी। हिंदू समाज का इतिहास पूरी दुनिया से जुड़ा है। भारत की सामाजिक संरचना ऐसी है कि हिंदू समाज हमेशा जीवित रहेगा।” उन्होंने दावा किया कि यदि हिंदू सभ्यता का अस्तित्व ख़त्म हो गया, तो विश्व व्यवस्था भी ढह जाएगी।

असम में युवाओं से की थी अपील

असम दौरे के दौरान भागवत ने युवाओं को आरएसएस को बिना किसी पूर्वाग्रह के समझने की अपील की। गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संघ का मूल उद्देश्य भारत को फिर से विश्वगुरु बनाना है। इसके लिए सामाजिक एकता, राष्ट्रीय चरित्र की मजबूती, ‘भारत प्रथम’ की सोच आवश्यक है|

उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दें और आधुनिक भारत को शक्तिशाली बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।

भागवत के बयानों ने छेड़ी नई बहस

मोहन भागवत के हालिया भाषण सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
एक ओर समर्थक उनके संदेश को सांस्कृतिक जागरण व राष्ट्रीय गौरव से जोड़ते हैं, वहीं दूसरी ओर आलोचक इसे कट्टर और विभाजनकारी बयान बताते हैं।

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