अगर अरविंद केजरीवाल ने जेल जाने से पहले इस्तीफा दे दिया होता तो आज इस बिल की जरूरत न पड़ती, केरल में जमकर बरसे अमित शाह

डिजिटल डेस्क- केरल दौरे के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने प्रस्तावित बिल कि 30 दिनों के लिए अगर कोई मंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री जेल जाता है तो उसका पद रिक्त माना जाएगा… पर बोलते हुए अरविंद केजरीवाल का नाम लिया और जमकर बरसे। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री जेल जाने के बाद भी जेल से ही सरकार चलाते रहे। अगर उन्होंने जेल जाने से पहले इस्तीफा दे दिया होता तो आज इस बिल की जरूरत न पड़ती। अमित शाह ने आगे कहा कि क्या देश की जनता चाहती है कि कोई भी मुख्यमंत्री जेल में रहकर सरकार चलाए? अब ये लोग कहते हैं कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान पहले क्यों नहीं हुआ? अरे, जब संविधान बना था, तब ऐसे निर्लज्ज लोगों की कल्पना ही नहीं की गई थी कि जेल जाने के बाद भी इस्तीफा नहीं देंगे।

उपराष्ट्रपति पद के गठबंधन उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी पर भी बोला हमला

इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने गठबंधन की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी पर भी जमकर हमला बोला। वर्ष 2011 में न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी के द्वारा सुनाए गए एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का ‘समर्थन’ करते हैं। उनहोंने आगे कहा कि अगर उन्होंने सलवा जुडूम पर फैसला नहीं सुनाया होता, तो देश में माओवाद 2020 से पहले ही समाप्त हो गया होता।

क्या फैसला सुनाया था न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी ने ?

दिसंबर 2011 में, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति रेड्डी ने फैसला सुनाया था कि माओवादी विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में आदिवासी युवाओं को विशेष पुलिस अधिकारियों के रूप में इस्तेमाल करना – चाहे उन्हें ‘कोया कमांडो’ कहा जाए, सलवा जुडूम कहा जाए या किसी अन्य नाम से पुकारा जाए – गैरकानूनी और असंवैधानिक है। उन्होंने यह आदेश भी दिया था इनसे तुरंत हथियार लिए जाएं।