KNEWS DESK- अमेरिका ने अवैध रूप से रह रहे 116 अप्रवासी भारतीयों को शनिवार रात भारत भेज दिया। अमेरिका के सैन्य विमान सी-17ए ने रात 11.33 बजे श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लैंड किया। इन भारतीयों को अवैध प्रवासन का दोषी मानते हुए भारत भेजा गया। इस फ्लाइट में शामिल लोगों में पंजाब के 65, हरियाणा के 33, गुजरात के 8, उत्तर प्रदेश के 3, महाराष्ट्र के 2, राजस्थान के 2, गोवा के 1 और जम्मू कश्मीर के 2 लोग शामिल थे, जिनमें अधिकांश युवा हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पवित्र शहर अमृतसर में अमेरिकी सैन्य विमान की लैंडिंग पर विरोध जताया और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह पंजाब और पंजाबियों की छवि खराब कर रही है। भगवंत मान ने कहा, “अमृतसर जैसे सीमावर्ती जिले में अमेरिकी सैन्य विमान को उतारना देश के लिए खतरे की घंटी है।” उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि यदि अन्य देशों के विमान अपने निर्वासित नागरिकों को वापस लाने के लिए सिविलियन प्लेन भेज रहे हैं, तो भारत में एक अमेरिकी सैन्य विमान को यहां लैंड करने की अनुमति क्यों दी गई?
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर अमृतसर अमेरिका के करीब है, जैसा कि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है, तो यहां से अमेरिका और कनाडा के लिए नियमित उड़ानें शुरू करना समझदारी होगी, जैसा कि वह पहले से ही मांग कर रहे हैं।
बीजेपी का बयान
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि अमृतसर को लैंडिंग पॉइंट के रूप में इसलिए चुना गया, क्योंकि यह अन्य भारतीय एयरपोर्टों की तुलना में अमेरिका के निकट है। सिंह ने इस फैसले को तार्किक बताते हुए कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच के दूरी को कम करने में मदद करेगा।
पंजाब सरकार ने की व्यवस्था
इस बीच, पंजाब सरकार ने इन अप्रवासी भारतीयों के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की थी। रविवार को सुबह 6.30 बजे की फ्लाइट से इन लोगों को दिल्ली भेजा गया। इसके बाद पंजाब के स्थानीय नागरिकों को सड़क मार्ग से उनके गृह जिलों तक पहुंचाया जाएगा। यह कदम प्रशासन द्वारा इस मामले में त्वरित प्रतिक्रिया देने का हिस्सा था, ताकि प्रभावित व्यक्तियों को जल्द से जल्द उनके घरों तक पहुंचाया जा सके।
पीटीआई न्यूज एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि रविवार को एक और अमेरिकी फ्लाइट की लैंडिंग की संभावना है, जिसमें और अधिक अप्रवासी भारतीय होंगे। इस प्रकार की लैंडिंग से पंजाब में अमृतसर एयरपोर्ट पर स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, क्योंकि भगवंत मान और अन्य विपक्षी दलों द्वारा इसे लेकर तीव्र प्रतिक्रिया दी जा रही है। यह घटना भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म देती है, खासकर पंजाब और अन्य सीमावर्ती राज्यों के लिए जहां से अप्रवासी भारतीय बड़ी संख्या में अमेरिका जाते हैं। अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस मुद्दे को कैसे सुलझाती हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से कैसे निपटा जाता है।
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