2 दिन बाद दे दूंगा इस्तीफा, अरविंद केजरीवाल ने किया बड़ा ऐलान

KNEWS DESK- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया और अपनी जेल यात्रा और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए उन्हें गीता और भगत सिंह की जेल डायरी पढ़ने का मौका मिला, जिससे उन्हें नई प्रेरणा मिली।

केजरीवाल ने बताया कि जेल में रहते हुए उन्होंने एक ही पत्र लिखा था, जिसमें एलजी से आतिशी को झंडा फहराने की अनुमति देने की अपील की थी। यह पत्र एलजी तक नहीं पहुंचाया गया और इसके जवाब में उन्हें चेतावनी दी गई कि भविष्य में ऐसा करने पर उनके परिवार से मुलाकात भी बंद कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी देश में ऐसा शासक आ गया है जो अंग्रेजों से भी क्रूर है।

संदीप पाठक को ब्लैकलिस्ट किए जाने का मामला उठाते हुए केजरीवाल ने कहा कि जेल में रहते हुए संदीप पाठक ने उनसे मुलाकात की और राजनीतिक बातें की। इसके बाद, पाठक को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि भगत सिंह की शहादत के 95 साल बाद आज एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया, लेकिन पार्टी और उसके विधायक नहीं टूटे।

केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जेल से सरकार कैसे चल सकती है, और हमने साबित कर दिया कि यह संभव है। उन्होंने अपील की कि यदि किसी अन्य मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जाए, तो उन्हें भी डरने की जरूरत नहीं है। आम आदमी पार्टी ने केंद्र की नई साजिशों को नाकाम कर दिया है और पार्टी की ताकत ईमानदारी में है।

उन्होंने अदालत में जनता के फैसले का इंतजार करने की बात की। केजरीवाल ने घोषणा की कि वे दो दिन के भीतर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और तब तक कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुनाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जनता उन्हें इमानदार मानती है, तो वे पद पर लौटेंगे; अन्यथा, वे जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे।

केजरीवाल ने जनता से अपील की कि वे उन्हें ईमानदार मानते हैं या नहीं, और अगर मानते हैं, तो वोट दें, अन्यथा न दें। फरवरी में होने वाले चुनावों को लेकर उन्होंने मांग की कि ये चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र के साथ कराए जाएं।

उन्होंने बताया कि जब तक जनता का फैसला नहीं आ जाता, पार्टी का कोई और सदस्य सीएम बनेगा और विधायक दल की बैठक में नया नाम तय किया जाएगा। मनीष सिसोदिया भी अपनी जिम्मेदारी तभी संभालेंगे जब दिल्ली की जनता यह कहेगी कि केजरीवाल इमानदार हैं। आज की बैठक में केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि वे जनता के फैसले का सम्मान करेंगे और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।

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