आज भी रद्द हुईं सैकड़ों फ्लाइट्स, एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी के साथ हंगामा जारी

डिजिटल डेस्क- देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अभूतपूर्व परिचालन संकट से जूझ रही है। घरेलू एयर ट्रैफिक में 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाली इस कंपनी की सैकड़ों उड़ानें लगातार रद्द हो रही हैं, जिससे देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है। कई जगह यात्रियों ने काउंटरों पर हंगामा किया और तत्काल समाधान की मांग की। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हालात की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार देर रात वरिष्ठ विमानन मंत्रालय अधिकारियों और DGCA के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि इंडिगो को जल्द से जल्द सामान्य संचालन बहाल करने के निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही AAI और एयरपोर्ट ऑपरेटरों को भी फंसे यात्रियों को हर संभव सहायता देने का आदेश दिया गया है।

नये नियमों के चलते रद्द होने का सिलसिला लगातार है जारी

DGCA ने इस मामले की प्राथमिक जांच के बाद बताया कि इंडिगो ने नए उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) नियमों को लागू करते समय पायलटों और अन्य क्रू की जरूरत का गलत आकलन किया था। नियामक संस्था ने खुलासा किया कि एयरलाइन को जितने अतिरिक्त क्रू की आवश्यकता थी, उसका कंपनी के अनुमान से कई गुना अधिक होना निकला। इसी वजह से कई उड़ानें अचानक क्रू की कमी का शिकार हो गईं। इंडिगो ने DGCA को लिखित रूप से सूचित किया है कि अगले 2–3 दिनों तक उड़ानें रद्द होने का सिलसिला जारी रह सकता है। कंपनी ने सोमवार (8 दिसंबर) से यात्रियों को असुविधा कम करने के लिए शेड्यूल में कटौती का फैसला किया है। DGCA ने कहा कि एयरलाइन प्रबंधन सुधारात्मक कदम उठा रहा है और 10 फरवरी 2026 तक सामान्य तथा स्थिर संचालन बहाल करने का आश्वासन दिया है।

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत कई हवाई अड्डों पर दिख रहा असर

गुरुवार को लगभग 500 उड़ानें रद्द हुईं और शुक्रवार को करीब 400 और उड़ानें नहीं उड़ सकीं। पुणे, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में ना केवल इंडिगो बल्कि अन्य एयरलाइनों के यात्रियों को भी भीड़ के चलते देरी और परेशानियों का सामना करना पड़ा। यात्रियों की शिकायत है कि अंतिम समय पर रद्दीकरण की सूचना मिलने से यात्रा योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

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