15 सालों में अमेरिका ने कितने भारतीयों को डिपोर्ट किया? देखें पूरी लिस्ट…

KNEWS DESK-  अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर जब एक सैन्य विमान अमृतसर पहुंचा, तो यह मामला संसद में जोरशोर से उठा। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर विदेश मंत्री से जवाब मांगा। इसके जवाब में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में कहा कि यह कार्रवाई नई नहीं है, बल्कि लंबे समय से चली आ रही प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने 15 सालों का डेटा साझा करते हुए बताया कि 2009 से अब तक अमेरिका से 15,756 अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजा जा चुका है।

अमेरिका से भारतीय प्रवासियों का निर्वासन: आंकड़े क्या कहते हैं?

जयशंकर ने संसद में बताया कि अमेरिका ने वर्ष 2019 में सबसे अधिक 2,042 भारतीयों को निर्वासित किया था। इसके बाद 2020 में 1,889 लोगों को निकाला गया। इसी दौरान कोविड-19 महामारी का दौर था। वर्षवार आंकड़ों के अनुसार:

  • 2009: 734
  • 2010: 799
  • 2011: 597
  • 2012: 530
  • 2013: 515
  • 2014: 591
  • 2015: 708
  • 2016: 1,303
  • 2017: 1,024
  • 2018: 1,180
  • 2019: 2,042
  • 2020: 1,889
  • 2021: 805
  • 2022: 862
  • 2023: 617
  • 2024: 1,368
  • 2025 (फरवरी तक): 104

किन राज्यों के प्रवासियों को वापस भेजा गया?

जो 104 भारतीय प्रवासी अमृतसर पहुंचे, उनमें से अधिकतर हरियाणा, गुजरात और पंजाब से थे। इनमें:

  • हरियाणा: 33
  • गुजरात: 33
  • पंजाब: 30
  • महाराष्ट्र: 3
  • उत्तर प्रदेश: 3
  • चंडीगढ़: 2

इन प्रवासियों में से कई लोग लोन लेकर या अपनी जमीन बेचकर अमेरिका जाने की कोशिश में थे।

विपक्ष का विरोध और मानवाधिकारों का मुद्दा

अमेरिका से निर्वासित भारतीयों को जिस तरीके से वापस भेजा गया, उस पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल द्वारा जारी एक वीडियो में दिखाया गया कि प्रवासियों को हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां पहनाकर लाया गया। विपक्षी दलों ने इसे अमानवीय बताया और सरकार से सवाल किया कि उन्हें बेहतर स्थिति में लाने की व्यवस्था क्यों नहीं की गई।

एस. जयशंकर ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका से बातचीत कर रही है कि निर्वासित लोगों के साथ दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासन की समस्या पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

सरकार का क्या रुख है?

सरकार का कहना है कि अवैध प्रवासन न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर एक गंभीर मुद्दा है। भारत और अमेरिका दोनों इसे नियंत्रित करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार अवैध प्रवास को रोकने और प्रवासियों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठा रही है। यह मामला आगे भी संसद और राजनीति में चर्चा का विषय बना रहेगा, क्योंकि अवैध प्रवासन और निर्वासन से जुड़े कई मानवीय और कूटनीतिक पहलू हैं।

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