ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में गरज उठे गृह मंत्री अमित शाह, बोले- आतंकियों को ठोक दिया, पाकिस्तान को दुनिया के सामने किया बेनकाब

KNEWS DESK- लोकसभा में मंगलवार यानी आज विशेष सत्र में गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का पक्ष मजबूती से रखते हुए विपक्ष पर तीखे हमले किए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब “मनमोहन युग” की चुप्पी नहीं, बल्कि “मोदी युग” की निर्णायक कार्रवाई की नीति पर चलता है। शाह ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश यूपीए सरकार के दौर के सक्रिय आतंकी थे।

अमित शाह ने विपक्ष की उस मांग का जवाब देते हुए, जिसमें पूछा गया था कि पहलगाम हमले के दोषियों का क्या हुआ, कहा –“वो आतंकी जो बैसरन घाटी में 26 लोगों को मारकर पाकिस्तान भागे थे, उन्हें हमारी सेना ने चुन-चुनकर ठोक दिया है। मोहम्मद यूसुफ अजहर और मोहम्मद जमील जैसे आतंकवादी ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए हैं।”

गृह मंत्री ने बताया कि 7 मई को 1:26 बजे ऑपरेशन सफलतापूर्वक समाप्त हुआ और भारतीय डीजीएमओ ने पाकिस्तान को जानकारी दी कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है।

“पाकिस्तान को यह समझ ही नहीं आया कि भारत अब मूकदर्शक नहीं है। उन्होंने इसे भारत का हमला मान लिया और 8 मई को हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया, लेकिन एक भी मिसाइल लक्ष्य तक नहीं पहुंची।”

उन्होंने बताया कि भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के छह रडार सिस्टम और एयरबेस तबाह कर दिए, लेकिन रिहायशी इलाकों को निशाना नहीं बनाया, जिससे भारत की सैन्य नैतिकता और परिपक्वता दुनिया के सामने आई।

गृह मंत्री ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन कर संघर्षविराम की अपील की। “हमने उनकी क्षमता को पंगु बना दिया। पाकिस्तान के पास भारत के सामने झुकने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।”

अमित शाह ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कांग्रेस पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा “1971 की जीत के बाद पीओके क्यों नहीं मांगा गया?” “शिमला समझौते में भारत की जीती हुई 15,000 वर्ग किमी जमीन और 195 पाकिस्तानी युद्ध कैदियों को बिना शर्त छोड़ दिया गया।” “नेहरू ने सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट ठुकराई, ताकि चीन को बुरा न लगे।”

शाह ने कहा कि 2004 में जब यूपीए सत्ता में आई, तो उसी साल पोटा (POTA) कानून को पहली कैबिनेट बैठक में रद्द कर दिया गया। इसके बाद देश पर 27 बड़े आतंकी हमले हुए जिनमें हजारों नागरिक मारे गए। “वोटबैंक के लिए कांग्रेस ने आतंकवाद से समझौता किया। रामपुर सीआरपीएफ कैंप से लेकर पुणे की जर्मन बेकरी तक – क्या कांग्रेस इन हमलों का जवाब दे सकती है?”

शाह ने विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस को सीधा निशाना बनाते हुए कहा “आज जो लोग पाकिस्तान को क्लीनचिट देते हैं, वो हमसे सवाल पूछ रहे हैं? जिन्हें आतंकियों के लिए आंसू आते हैं, वो देश के शहीदों के लिए चुप रहते हैं।” उन्होंने सोनिया गांधी के बाटला हाउस पर कथित रूप से रोने का जिक्र करते हुए विपक्ष की “दोहरे मापदंड” पर सवाल खड़े किए।

गृह मंत्री ने कांग्रेस पर चीन प्रेम का आरोप लगाते हुए कहा कि डोकलाम विवाद के समय जब भारतीय सेना चीनी सैनिकों से आमने-सामने डटी थी, तब राहुल गांधी चीनी राजदूत से गुप्त मुलाकात कर रहे थे।