भारत-ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक FTA पर हस्ताक्षर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल बोले- ‘यह विकसित भारत की दिशा में निर्णायक कदम है’

KNEWS DESK – भारत और ब्रिटेन के बीच गुरुवार को एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में हुए इस समझौते को भारत के लिए एक “गोल्ड स्टैंडर्ड” बताया जा रहा है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने समझौते के बाद कई अहम जानकारियां साझा कीं और इसे भारत के हित में ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।

भारत के लिए ‘गोल्ड स्टैंडर्ड’ है यह समझौता

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह समझौता भारत के संवेदनशील सेक्टर्स जैसे कृषि, डेयरी, मछुआरा समुदाय, MSMEs, और टेक्सटाइल क्षेत्र के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखते हुए किया गया है। उन्होंने कहा, “यह समझौता भारत के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड की तरह है। इसमें हमारे महत्वपूर्ण सेक्टर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।”

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कानूनी सेवाएं रहीं बाहर, CA को मिली सहूलियत

पीयूष गोयल ने बताया कि इस समझौते में कानूनी सेवाओं को बाहर रखा गया है, लेकिन भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पहले से ही ब्रिटेन में सेवाएं दे रहे हैं और उनके लिए दरवाज़े खुले रहेंगे।

हालांकि भारत की कैबिनेट ने इस समझौते को पहले ही मंजूरी दे दी है, लेकिन यह तब तक लागू नहीं होगा जब तक ब्रिटेन की संसद भी इसे मंजूरी नहीं देती। गोयल ने कहा कि यह प्रक्रिया कितना समय लेगी, इस पर अभी कुछ कहना मुश्किल है।

सोशल मीडिया पर गोयल का संदेश

पीयूष गोयल ने इस समझौते की जानकारी सोशल मीडिया के ज़रिए भी साझा की। उन्होंने लिखा, “यह सिर्फ व्यापार समझौता नहीं, बल्कि विकसित भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह समझौता कृषि, डेयरी, MSMEs, मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल, मछुआरा समुदाय, रत्न व आभूषण और IT सेवाओं को जबरदस्त लाभ देगा।” उन्होंने आगे कहा कि यह समझौता हर नागरिक और हर क्षेत्र के सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

यूपीए सरकार पर तीखा हमला

वर्तमान सरकार की नीति की तुलना करते हुए गोयल ने यूपीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “यूपीए सरकार ने भारतीय बाजारों को ऐसे खोला जिससे देश को भारी नुकसान हुआ। जबकि मोदी सरकार यह सुनिश्चित करती है कि हर समझौता भारतीय हितों की रक्षा करता है। अब समझौते स्पष्टता के साथ होते हैं और दोनों देश एक-दूसरे के पूरक बनते हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं।”