भारतीय वायुसेना का ऐतिहासिक विदाई समारोह, मिग-21 को अंतिम सलामी, सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम की भावुक विदाई

KNEWS DESK- भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय आज आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया। मिग-21 फाइटर जेट को औपचारिक विदाई देते हुए वायुसेना ने एक भव्य समारोह का आयोजन किया, जिसमें वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने स्वयं मिग-21 उड़ाकर इसे अंतिम सम्मान दिया।

इस ऐतिहासिक मौके पर सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम (SKAT) ने भी अपनी अंतिम प्रस्तुति दी। छह मिग-21 विमानों ने एक आखिरी बार भारतीय आकाश में गर्जना की, और इसके साथ ही एक युग का अंत हो गया।

समारोह में मिग-21 को सैन्य परंपरा के अनुसार वॉटर कैनन सैल्यूट दिया गया। जैसे ही विमान ने अपनी अंतिम लैंडिंग की, रनवे पर दोनों ओर खड़े अग्निशमन वाहनों से पानी की बौछारों के बीच विमान को विदाई दी गई। यह दृश्य हर किसी को भावुक कर गया, खासकर उन पायलटों को जिन्होंने दशकों तक इस विमान को उड़ाया।

सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम, जो वर्षों से मिग-21 पर अपनी हैरतअंगेज हवाई कलाएं दिखाती रही है, ने आज अपने आखिरी प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पैंथर फॉर्मेशन में उड़ते इन विमानों ने आसमान में “अलविदा” का दृश्यात्मक चित्रण किया।

इस ऐतिहासिक उड़ान में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा, जो मिग-21 उड़ाने वाली गिनी-चुनी महिला पायलटों में से एक हैं, ने भी हिस्सा लिया। उनका यह योगदान एक और मील का पत्थर है, जो भारतीय वायुसेना में महिलाओं की सशक्त भागीदारी को दर्शाता है।

1960 के दशक में शामिल किए गए मिग-21 ने भारत की वायुशक्ति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। यह विमान 1971 के युद्ध, करगिल संघर्ष और कई महत्वपूर्ण अभियानों का हिस्सा रहा है। दशकों तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ रहे इस विमान ने आज आखिरी बार अपनी ताकत दिखाई।

इस मौके पर मिग-21 से जुड़े कई पूर्व वायु सैनिक भी मौजूद थे। विमान को उड़ता देख कई पूर्व पायलटों की आंखें नम हो गईं। उनका कहना था कि “यह सिर्फ एक विमान नहीं, एक भावना है। इससे हमारी पहचान जुड़ी है।”

मिग-21 और सूर्यकिरण टीम की यह विदाई भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक भावनात्मक और गौरवपूर्ण मोड़ है। हालांकि तकनीकी प्रगति और नई पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की जरूरतों को देखते हुए यह कदम जरूरी था, लेकिन मिग-21 की वीरगाथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।