हिमाचल प्रदेश: कुल्लू में बादल फटने से 100 बीघा जमीन बही, शिमला-बिलासपुर में 4 लोगों की हुई मौत

KNEWS DESK… हिमाचल प्रदेश में तीसरे दिन लगातार मानसून की बारिश कहर बरपा रही है। कुल्लू की गलघाटी के फलाण में बादल फट गए हैं। जिसके चलते 100 बीघा जमीन बह गई है।जानकारी के लिए बता दें कि इसी पंचायत के एक अन्य नाले में बाढ़ के बाद भूस्खलन के खतरे को मद्देनजर रखते हुए 12 घरों को खाली करवा लिया गया है।

दरअसल आपको बता दें कि शिमला जिले की ठियोग तहसील के पलवी गांव में सोमवार सुबह 11 बजे एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान दीप बहादुर, देवदासी और मोहन बहादुर के तौर पर हुई है। बिलासपुर जिले में श्री नयना देवी जी के मलेटा गांव में शादी समारोह से लौट रहा बुजुर्ग व्यक्ति नाले में बह गया। बुजुर्ग का शव करीब दो किलोमीटर दूर कालाकुंड नामक जगह पर गोबिंद सागर झील में मिला है। मृतक की पहचान रामलाल (70) निवासी गांव मलेटा तहसील श्री नयना देवी जी जिला बिलासपुर के रूप में हुई है। मनाली में तीन वोल्वो बसों के बहने की सूचना है। चार लोग बहने से लापता हैं। तीन लोग मनाली से बह गए हैं। एक गाड़ी सहित बहा है। डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि श्रीखंड यात्रा स्थगित कर दी गई है। फंसे यात्री वापस लाए जाएंगे।

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लोगों के बीच दहशत का माहौल

जानकारी के लिए बता दें कि 6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। ऊना-हमीरपुर मुख्य सड़क मार्ग लठियाणी से बड़सर के बीच तीखे मोड़ पर पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण अवरुद्ध हो गया है। कुल्लू में दो दिन का लोकल हॉलीडे घोषित किया गया है। डीसी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। कुल्लू के अखाड़ा बाजार में बैली ब्रिज को भारी नुकसान हुआ है। आवाजाही बंद कर दी गई है। सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सेक्टर 4 में कई गाड़ियां पानी के तेज बहाव में बह गई हैं। लोग दहशत में हैं।

बता दें कि चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग गंभरोला के पास भूस्खलन होने से बंद हो जाने से राजमार्ग पर लंबा जाम लग गया है। PWD के कर्मी मलबा हटाने के काम में जुटे हुए हैं। वहीं भूस्खलन से किरतपुर नेरचोक फोरलेन सहित 35 संपर्क मार्ग बंद हैं।  जल शक्ति विभाग की 87 पेयजल योजनाएं मलबा भरने ठप पड़ी है। विभाग को करीब 12 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। शक्तिपीठ को जाने वाले मार्ग भूस्खलन से बंद हो गए हैं। वही श्री नयना देवी जी नगर में बिजली आपूर्ति ठप है। जिला ऊना के उपमंडल बंगाणा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में रविवार देर रात तथा सोमवार सुबह को लगातार हो रही बारिश से यातायात प्रभावित है। वहीं कुछ स्थानों पर रिहायशी मकान तथा गोशालाएं गिर गई हैं। बारिश से ब्यास नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी के तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। ब्यास किनारे कई घर व होटल बह गए हैं। वहीं पार्वती व तीर्थन नदी व अन्य नदी नालों में बाढ़ जैसे हालात हैं। नदी किनारे बसें गांवों व घरों में पानी घुस गया है।

कुल्लू जिले में दो दिनों से ब्लैकआउट

कुल्लू जिले में दो दिनों से ब्लैकआउट है। सड़कें व पेयजल आपूर्ति बंद होने से लोग और सैलानी परेशान हैं। मनाली के किसान भवन में फंसे सभी 29 लोगों को सोमवार सुबह रेस्क्यू कर सुरिक्षत निकाल लिया गया है। इसमें कई सैलानी भी मौजूद हैं।

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तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बारिश से हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। सीएम सुक्खू रात भर मंडी, कुल्लू, सोलन जिलों में हो रही तबाही की जानकारी लेते रहे। फंसे हुए लोगों को सकुशल निकालने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। किन्नौर जिले की भावा खड्ड में रविवार रात बाढ़ आने से तीन मकान बह गए हैं। जबकि दो मकानों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। एक टिप्पर, एक पिकअप और एक कार बाढ़ मे बह गई है।

जानकारी के लिए बता दें कि कई सेब के बागीचों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं भावा खड्ड पर बने पैदल पुल भी बाढ़ की चपेट में आने से बह गए हैं। जबकि कई मकान खतरे की जद में हैं। ऊना आने वाली सभी ट्रेंनें आज भी रद्द रहेंगी। बारिश की वजह से रेल सेवा पर सबसे बुरा असर पड़ा है। वंदे भारत, जनशताब्दी, हिमाचल एक्सप्रेस सहित पेसेंजर ट्रेने भी नहीं चलेंगी। ऊना, अंब, अंदौरा व दौलतपुर चौक रेलवे स्टेशन भी खाली पड़ हैं। ऊना में कुल नौ ट्रेने अवगमन करतीं हैं।

बसों में सवार करीब 50 लोग तीन दिनों से भूखे प्यासे

जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बारिश ने तबाही मचा दी है। मनाली-लेह मार्ग के बीच आने वाले तेलिंग व पागलनाला में बाढ़ आने से सड़क मार्ग बंद है। यहां एचआरटीसी की चार बसों के साथ कुछ छोटे वाहन भी फंसे हैं। बसों में सवार करीब 50 लोग तीन दिनों से भूखे प्यासे हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन ने कोई भी मदद नहीं की है।

 टापू में फंसे तीन परिवार के 32 लोगों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकाला

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के भगानी मेहरूवाला स्थित टापू में तीन परिवार के 32 लोग फंस गए। सूचना मिलते ही एसडीएम रेस्क्यू टीम के साथ पहुंचे। टीम ने सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। रेस्क्यू किए लोगों में महिलाएं, छोटे बच्चे भी शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार, पांवटा साहिब के भगानी मेहरूवाला में टापू में तीन परिवार के 32 लोग फंस गए। देर रात करीब 2:30 बजे सूचना मिलने पर एसडीएम पांवटा जीएस चीमा रेस्क्यू टीम सहित मौके पर पहुंचे। बता दें कि टीम ने मेहरूवाला के पास से गुज्जर परिवार, मवेशी और सामान सुबह 6.35 बजे तक निकाल लिया। इस दौरान थाना प्रभारी पुरुवाला जीत सिंह, नायब तहसीलदार पांवटा फरीद मोहहमद, पटवारी भगानी विष्णु भारद्वाज मौजूद रहे। रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय गोताखोर, अग्निशमन विभाग, पुलिस व स्थानीय क्षेत्र के लोग शामिल रहे। रेस्क्यू किए लोगों में  महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल थे

 

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