KNEWS DESK- दिल्ली में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है जिसे लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। दिल्ली में प्रदूषण होने की खास वजह पड़ोसी राज्यों में पराली जलाया जाना है।
आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अहम सुनवाई होनी है। दोपहर साढ़े 12 बजे से मामले की सुनवाई होनी है। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच कर रही है। मामले में पिछली सुनवाई गत 7 नवंबर को हुई थी। तब न्यायाधीश संजय किशन कौल ने दिल्ली से सटे पड़ोसी राज्यों की सरकारों को सख्त आदेश दिया था कि पराली जलाना तुरंत बंद करें। उन्होंने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा था कि प्रदूषण को देखकर हमारा सब्र खत्म हो रहा है। अगर हमने एक्शन लिया तो हमारा बुलडोजर रुकेगा नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर सख्ती बरतते हुए स्पष्ट कर दिया है कि राज्यों के जिन इलाकों में पराली जलाया जाएगा, वहां के थाना प्रभारी इसके लिए जिम्मेवार होंगे और उनके खिलाफ कड़ा एक्शन होगा। शीर्ष न्यायालय ने दिल्ली सरकार को भी निर्देश दिया कि नगर निगम शहर का ठोस कचरा खुले में न जलाएं, क्योंकि दिल्ली को हर साल प्रदूषण से जूझने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। जस्टिस कौल ने केंद्र से कहा कि वह किसानों को सब्सिडी देने और दूसरी फसलों की पैदावार के लिए प्रेरित करे, ताकि ठंड से पहले पराली जलाना बंद हो सके।
केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में अगले पांच से छह दिनों तक एयर क्वालिटी गंभीर रहेगी। इसकी वजह से प्रदूषण से राहत की कोई संभावना नहीं है। सीपीसीबी के आंकड़े के मुताबिक गुरुवार (9 नवंबर) को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 436 दर्ज किया गया था, जो सामान्य से नौ गुना अधिक है।
राजधानी में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए करा दी जाने वाली कृत्रिम बारिश का खर्च दिल्ली सरकार वहन करेगी। इस संबंध में आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के समय राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी जाएगी। पड़ोसी राज्यों यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पराली जलाए जाने की वजह से राजधानी दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दाखिल याचिकाओं पर आज शुक्रवार (10 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि अगर केंद्र, दिल्ली सरकार के फैसले को सपोर्ट करता है तो पहली कृत्रिम बारिश 20 नवंबर तक कराई जा सकती है। गत 8 नवंबर को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि दिल्ली में बढ़े प्रदूषण से निजात पाने के लिए दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश करवाने का उपाय कर रही है।