नई दिल्ली, लोकसभा सदस्यता जाने के बाद से राहुल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सूरत कोर्ट से सजा पाने के बाद अब मोदी सरनेम का मामला पटना कोर्ट पहुंच चुका है. इस केस पर पटना कोर्ट ने सुनाई शुरू कर दी है. बुधवार को कोर्ट में राहुल को पेश होना था. लेकिन वो पेश ना हो सके. जिसके बाद अब कोर्ट में अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होनी है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि क्या एक ही अपराध किसी को दो बार सजा सुनाई जा सकती है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता राहुल गांधी पर मोदी सरनेम मानहानि मामले पर पटना की कोर्ट में एक ओर केस की सुनवाई शुरू हो गई है. इस केस की पहली सुनवाई बुधवार को होनी थी. किसी कारण राहुल गांधी आज कोर्ट में पेश ना हो सके. अब केस की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी. इसी मामले में पिछले महीने राहुल गांधी को सूरत हाईकोर्ट ने दो सला की सजी सुनाई थी. जिसके बाद राहुल को अपनी लोकसभा सदस्यता गवानी पड़ी थी. हालांकि राहुल अभी जमानत पर हैं. बिहार में राहुल के खिलाफ मानहानि का केस बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दर्ज कराया है.
भारतीय न्याय व्यवस्था और संविधान के अनुच्छेद 13 के मुताबिक एक आरोप या अपराध में किसी को एक ही बार सजा सुनाई जा सकती है, लेकिन पटना की कोर्ट इस मामले में सूरत कोर्ट के फैसले के बावजूद ट्रायल का आदेश दे सकती है.
राहुल ने दिया था बयान
राहुल गांधी ने कर्नाटक में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इसके बाद बीजेपी विधायक पूर्णेश भूपेंद्र पटेल ने मानहानि का केस करते हुए आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? उनके इस बयान से हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची. इन्हीं की याचिका पर सुनवाई के बाद राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत कोर्ट ने दोषी करार दिया था. भूपेंद्र पटेल के बाद बिहार में सुशील मोदी ने भी केस दर्ज करा दिया था, जिस पर सुनवाई हो गई है.