बीजेपी के इस चुनावी दांव से निकली विपक्ष की हवा

लखनऊ, यूपी में निकाय चुनाव के प्रचार ने जोर पकड़ लिया है. सारे राजनीतिक दल वार-पलटवार कर रहे हैं. हाल ही में हुए अतीक हत्याकांड के बाद जहाँ एक ओर विपक्षी दल इसे पुलिस की नाकामी करार देकर योगी बाबा को घेरने के लगे हुए हैं तो दूसरी ओर योगी बाबा अतीक अहमद की कार्रवाई के एजेंडे को धार देने में लगे हैं. वो माफिया अतीक और मुख़्तार के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई से बने माहौल को ठीक से भुनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. कल से सीएम योगी ने चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी है. पहले दिन उन्होंने सहारनपुर में आयोजित एक जनसभा को संबोधित किया. इस जनसभा में  उन्होंने विकास और राष्ट्रवाद के साथ माफियाओं की दुर्दशा का बखान किया.

 

माफिया पर दो आंसू बहाने वाले भी नहीं बचे हैं- योगी
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में नो कर्फ्यू नो दंगा, यूपी में सब चंगा बताते हुए प्रदेश की सुदृढ़ कानून व्यवस्था पर ध्यान खींचा. उन्होंने कहा कि आज यूपी में माफिया पर दो आंसू बहाने वाले भी नहीं बचे हैं. यूपी में माफिया का ढोलक बजाकर रसातल में पहुंचाने का काम किया गया है. योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, ”अब उपद्रव नहीं, उत्‍सव हमारी पहचान है, माफिया नहीं, महोत्‍सव हमारी पहचान है.” उन्‍होंने पिछली सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा, ”2017 से पहले सरकारों को दंगा कराने से फुर्सत नहीं थी लेकिन आज उत्तर प्रदेश में कहीं कर्फ्यू नहीं लगता. अब तो कांवड़ यात्रा निकलती है. पहले नौजवानों पर झूठे मुकदमे होते थे. पहले शोहदों का आतंक रहता था और बेटियां घर से निकलने में डरती थी और आज उत्तर प्रदेश में भयमुक्त माहौल है.”

सीएम योगी भाषण की झलक से साफ दिख रहा है कि निकाय चुनाव में बीजेपी का एजेंडा तो राष्ट्रवाद होगा लेकिन इसके साथ ही माफियाओं पर वार को बीजेपी आगे बढ़ाकर चुनाव अपनी ओर मोड़ने के प्रयास में लगेगी. वैसे ये बात तो जगजाहिर है कि बीजेपी चुनाव में मुद्दे उठाना ठीक से जानती है. चाहे लोकसभा चुनाव रहा हो या फिर विधानसभा, उसने कानून व्यस्था को ही अहम मुद्दा बनाकर सत्ता पलट दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव प्रचार का इतना अनुभव है कि वो ठीक से विपक्षी दलों को जवाब देना जानते हैं.

About Post Author