KNEWS DESK… हरियाणा के नूंह जिले में VHP और बजरंग दल की ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा का मामला आज यानी 3 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में उठा। इस दौरान राजधानी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रैलियों-यात्राओं पर रोक लगाने की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट ने रैलियों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। साथ ही हिदायत दी कि न तो हेट स्पीच दी जाए और न ही संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाए।
दरअसल आपको बता दें कियह आदेश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने मामले में दायर एक हस्तक्षेप आवेदन पर सुनवाई करते हुए दिया। नूंह हिंसा के विरोध में VHP द्वारा रैलियां आयोजित की जा रही हैं। शीर्ष अदालत ने संबंधित अधिकारियों को नफरत फैलाने वाले भाषण पर प्रतिबंध पर 21 अक्टूबर, 2022 को शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और पुलिस अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई नफरत भरा भाषण या हिंसा या किसी संपत्ति को नुकसान नहीं होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस या अर्धसैनिक बल तैनात करने का भी निर्देश दिया। जहां भी आवश्यकता हो, सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों या वीडियो रिकॉर्डिंग का इंतजाम किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि वीडियो रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखा जाए। कोर्ट ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया।
अब अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी। इस बीच अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू केंद्र की ओर से पेश हुए। उन्होंने नए आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया कि 23 रैलियां आयोजित की जा रही हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिकारी स्थिति से अवगत हैं और जब भी आवश्यकता हो उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कानून-व्यवस्था पुलिसिंग का मुद्दा है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि आवेदन शाहीन अदबुल्ला नामक व्यक्ति द्वारा दायर किया गया था। यह अर्जी वकील सुमिता हजारिका और रश्मि सिंह के माध्यम से दायर की गई थी। आवेदक ने अदालत को अवगत कराया कि याचिकाकर्ता को पता चला है कि हरियाणा के नूंह और गुड़गांव में हुई दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) दिल्ली और नोएडा में रैलियां आयोजित करने की योजना बना रही है। 2 अगस्त को जिन रैलियों की योजना बनाई गई है उनमें दिल्ली-हरियाणा सीमा, उत्तर प्रदेश में नोएडा, मानेसर, हरियाणा और दिल्ली के 23 इलाके जिनमें करोल बाग, पटेल नगर, लाजपत नगर, मयूर विहार, मुखर्जी नगर, नरेला, मोती नगर, तिलक नगर, नांगलोई, अंबेडकर नगर, नजफगढ़ आदि शामिल हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि नूंह और गुड़गांव में स्थिति बेहद तनावपूर्ण है और थोड़ी सी भी उत्तेजना के कारण जीवन की गंभीर क्षति हो सकती है और संपत्ति को नुकसान हो सकता है।
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