KNEWS DESK- हरियाणा विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद आए एग्जिट पोल्स को नकारते हुए भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में तीसरी बार कमल खिलाने का दावा किया है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि हरियाणा के लोगों ने एक बार फिर भाजपा को सरकार बनाने का आशीर्वाद दिया है।
केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मतदान प्रतिशत भले ही कम रहा हो, लेकिन इससे यह संकेत नहीं मिलता कि सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के बूथ प्रबंधन और बूथ पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रियता दिखाई है, जिससे मतदाताओं को वोट डालने के लिए प्रेरित किया गया। उनका अनुमान है कि भाजपा कम से कम 50 सीटें जीतेगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी 8 अक्टूबर को भाजपा के बहुमत में सरकार बनाने का भरोसा जताया। उनका कहना था कि प्रदेश के लोग भाजपा के साथ हैं और इस बार पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना है। भाजपा प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भाजपा ने जो कार्य किए हैं, उनका सकारात्मक प्रभाव अब सामने आ रहा है।
हालांकि, चुनावी विशेषज्ञों ने कहा है कि हरियाणा के चुनाव परिणाम ज्यादा चौकाने वाले नहीं होंगे। उनका मानना है कि मतदान से पहले ही लोगों ने धारणा बना ली थी कि भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होगा। कम मतदान को सत्ता परिवर्तन का संकेत मानना गलत है, क्योंकि ऐसा देखा गया है कि जब मतदान प्रतिशत अधिक होता है, तब सत्ता में बदलाव होता है।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस बार कांग्रेस के समर्थकों में उत्साह देखने को मिला, जबकि भाजपा समर्थकों में उदासी का माहौल था। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा के समर्थक मतदाताओं में रुझान कम दिखा है। इस प्रकार, हरियाणा के चुनाव परिणाम भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा साबित होंगे, जहां उनकी नीतियों और कार्यों का मूल्यांकन होगा। आगामी समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा अपने दावों को कितनी हकीकत में बदल पाती है।
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