KNEWS DESK- तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने बड़े आरोप लगाए हैं। हीरानंदानी ने एक साइन किए गए हलफनामे में कहा कि टीएमसी सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अडानी पर निशाना साधा।
हीरानंदानी ने आरोप लगाया कि संसद में अडानी समूह के खिलाफ आवाज उठाने के लिए टीएमसी सांसद को पैसे भी दिए गए हालांकि, अब इस मामले पर महुआ ने भी बयान जारी किया है। महुआ ने आधिकारिक लेटरहेड और नोटरीकरण की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि ऐसा लगता है कि दर्शन हीरानंदानी पर दबाव बनाकर इस हलफनामे पर साइन करवाए गए हैं।
बंदूक रखकर करवाया होगा हलफनामे पर साइन
टीएमसी सांसद ने कहा कि ये हलफनामा सफेद पेपर पर लिखा गया है, न कि किसी ऑफिशियल लेटरहेड या नोटरी पर। सबसे का सबसे सम्मानित बिजनेसमैन किसी सफेद पर कागज पर साइन क्यों करेगा। वह ऐसा तब ही करेगा, जब उसके सिर पर बंदूक रखकर उससे ऐसा करवाया जाए। उन्होंने हलफनामे को एक मजाक बताया, क्योंकि उनका कहना है कि इसे किसी ऐसे व्यक्ति ने लिखा है, जिसको सिर्फ पीएम मोदी की तारीफ करनी है।
Jai Ma Durga. pic.twitter.com/Z2JsqOARCR
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 19, 2023
हलफनामे के जवाब में बोलीं महुआ
टीएमसी सांसद महुआ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दो पेज का अपना बयान पोस्ट किया है। इसमें कुल मिलाकर पांच सवाल उठाए गए हैं। महुआ ने कहा है कि तीन दिन पहले हीरानंदानी ग्रुप ने एक ऑफिशियल प्रेस रिलीज में कहा कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं कुछ सवाल पूछना चाहती हूं-
1. दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या किसी जांच एजेंसी के जरिए बुलाया नहीं गया है. फिर उन्होंने इस हलफनामे को किसे दिया?
2. ये हलफनामा एक सफेद पेपर है, न कि किसी ऑफिशियल लेटरहेड या नोटरी पर. आखिर देश का सबसे सम्मानित बिजनेसमैन इस तरह के सफेद पेपर पर साइन करेगा. वह ऐसा तभी करेगा, जब उसके सिर पर बंदूक रखी गई हो.
3. चिट्ठी में लिखा गया कंटेट पूरी तरह से मजाक है. इसे पीएमओ में कुछ ऐसे लोगों के जरिए तैयार किया गया है, जो बीजेपी के आईटी सेल में एक क्रिएटिव राइटर के तौर पर काम करते हैं. यह पीएम मोदी और गौतम अडानी के लिए गीत गाता हुआ नजर आता है. इसमें उनके हर प्रतिद्वंद्वी को मेरे और मेरे कथित भ्रष्टाचार से जोड़ा गया है. इसमें जिन लोगों के नाम लिए गए हैं. उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि जैसे सबका नाम घुसा दो, ऐसा मौका फिर नहीं आएगा.
4. पैराग्राफ के 12 हिस्से में लिखा गया है कि दर्शन ने मेरी मांगें इसलिए मान लीं, क्योंकि उसे मुझे नाराज करने का डर था. दर्शन के पिता और वह देश के सबसे पहले बिजनेसमैन हैं. वह पीएम के साथ विदेश दौरों पर भी व्यापारिक मंडल का हिस्सा बनकर जाते हैं. एक ऐसा व्यक्ति जिसकी हर मंत्री और पीएमओ तक पहुंच हो, वह कैसे एक विपक्षी सांसद से डर सकता है. ये पूरी तरह से अजीब है.
5. दर्शन ने अभी तक प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं की है. वह चाहते तो इसे ट्वीट कर सकते थे या उनकी कंपनी इसकी जानकारी सामने आकर दे सकती थी. अगर सच में उन्होंने ये बात कही है तो उन्हें इन आरोपों को आधिकारिक तौर पर आकर कहना चाहिए, न कि किसी पिछले दरवाजे का सहारा लेना चाहिए. सच्चाई बिल्कुल साफ नजर आ रही है।