KNEWS DESK : कोरोनाकाल में पीएफ सहित तमाम छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बड़ी कटौती की गई. अभी पीएफ की ब्याज दर 40 साल में सबसे कम है और कयास लगाए जा रहे कि इस महीने के आखिर में होने वाली ईपीएफओ की बैठक में इसकी दरें और घटाई जा सकती हैं.
अगर आपका भी कर्मचारी भविष्य निधि में खाता खुला है तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. बता दें कि आपके पीएफ पर मिलने वाले ब्याज में एक बार फिर कैंची चलने की आशंका है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भविष्य निधि यानी पीएफ पर ब्याज दर को लेकर 25-26 मार्च को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक होने जा रही है. हालांकि, बैठक के एजेंडे को लेकर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन जानकार लोगों का कहना है कि ब्याज दर 8 प्रतिशत के स्तर से नीचे जाने की संभावना नहीं है. बता दें कि पीएफ पर मिलने वाली ब्याज की मौजूदा दर 43 साल के निचले स्तर पर है और अभी 8.10 फीसदी ब्याज मिल रहा है.
अभी मिल रहा 8.1 फीसदी ब्याज
ईपीएफओ मार्च, 2022 में 2021-22 के लिए अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.1 फीसदी पर ले आया था. यह दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ (EPF) पर ब्याज दर आठ फीसदी हुआ करती थी. 2020-21 में यह दर 8.5 फीसदी थी.
सोमवार दोपहर में शुरू हुई है बैठक
एक सूत्र ने बताया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) द्वारा 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर के बारे में निर्णय सोमवार दोपहर से शुरू हो रही दो दिन की बैठक में लिया जा सकता है.
ज्यादा पेंशन की भी मिल रही है सुविधा
अधिक पेंशन की खातिर आवेदन देने के लिए उच्चतम न्यायालय ने चार महीने का वक्त देने संबंधी जो आदेश दिया था उस पर ईपीएफओ ने क्या कार्रवाई की है. इस बारे में भी बैठक में चर्चा हो सकती है। ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को तीन मई, 2023 तक का वक्त दिया है.
7 महीने के निचले स्तर पर हैं दरें
आपको बता दें मार्च 2020 में ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को कम करके सात महीने के निचले स्तर 8.5 फीसदी पर ला दिया था. 2018-19 के लिए यह 8.65 फीसदी थी.