KNEWS DESK- केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विन वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी मीडिया को दी। केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे थे और अब उनके लिए यह एक बड़ी राहत का अवसर है।
भारत में अब तक सात वेतन आयोग गठित हो चुके हैं, और प्रत्येक आयोग का गठन देश में बढ़ती महंगाई और कर्मचारियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। पहला वेतन आयोग जनवरी 1946 में बना था, जबकि सातवां वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को गठित हुआ था, जिसकी सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आठवें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने से इस आयोग की सिफारिशें समय पर आ सकेंगी और यह अगले साल यानी 2026 से लागू हो सकता है। इस फैसले से केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधे फायदा होगा। वर्तमान में देश में करीब 48.62 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67.85 लाख पेंशनर हैं, जो इस फैसले से लाभान्वित होंगे।
आठवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसमें महंगाई भत्ते (DA) और पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (DR) भी शामिल होंगे। यह निर्णय खासतौर पर कर्मचारियों के लिए राहत भरा है, क्योंकि महंगाई के मद्देनजर इस तरह के वेतन आयोग का गठन किया जाता है।
केंद्र सरकार हर दस साल में एक बार वेतन आयोग गठित करती है, ताकि कर्मचारियों की वेतन संरचना को महंगाई और समय के बदलाव के अनुसार समायोजित किया जा सके। सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में खत्म हो रहा है, और इसके बाद आठवां वेतन आयोग लागू हो सकता है, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकता है। इस कदम से न केवल केंद्रीय कर्मचारियों को वित्तीय राहत मिलेगी, बल्कि सरकार पर वित्तीय बोझ भी बढ़ेगा। वेतन आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों को जीवन स्तर में सुधार के लिए जरूरी संसाधन प्रदान करना है।
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