KNEWS DESK- दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने शुक्रवार यानी आज केंद्र से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये की मांग की, जिसे केंद्रीय बजट में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पिछले एक साल में आयकर में 2 लाख करोड़ रुपये का योगदान देने के बावजूद दिल्ली सरकार को बदले में कुछ नहीं मिला।
वित्त मंत्री आतिशी ने ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि दिल्ली ने करों के पूल में केंद्रीय जीएसटी के रूप में 25,000 करोड़ रुपये भी दिए हैं। केंद्र के वार्षिक बजट की प्रस्तुति से पहले, आतिशी ने दिल्ली को और अधिक धन जारी करने की वकालत करते हुए कहा कि इसे सड़क, परिवहन और बिजली क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ शहर के सौंदर्यीकरण पर खर्च किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 2001 से केंद्र करों के केंद्रीय पूल से दिल्ली सरकार को केवल 325 करोड़ रुपये का भुगतान कर रहा है। हालांकि, पिछले साल यह भुगतान भी बंद कर दिया गया था और अब शहर को एक भी रुपया नहीं मिलता है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
साथ ही वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि मुंबई से केंद्र सरकार को 5 लाख करोड़ का टैक्स जाता है। इसके बदले में केंद्र ने महाराष्ट्र सरकार को 54 हजार करोड़ रूपये दिए जाते हैं। इसी तरह बेंगलुरू को भी लगभग दो लाख करोड़ रूपये का इनकम टैक्स जाता है। उसके बदले केंद्र सरकार 33 हजार करोड़ रूपये देती है। दिल्ली से भी दो लाख करोड़ से ज्यादा का टैक्स केंद्र को जाता है लेकिन बदले में उन्हें कुछ नहीं मिलता। इस बार के बजट में दिल्लीवालों की मांग है कि दिल्ली को अपना हक मिलना चाहिए।
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