बिहार, बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन औऱ पप्पू यादव के बीच एक समय जानी दुश्मनी हुआ करती है. लेकिन अब पप्पू यादव और आनंद मोहन की गलने लगी फोटो सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हो रही है. ये फोटो अब बिहार की सियासत में चर्चा का विषय बन चुकी है.
बिहार की सियासत में आनंद मोहन और पप्पू यादव तीन दशक से एक दूसरे के जानी-दुश्मन हुआ करते थे, जिनकी गैंगवार के किस्से सीमांचल और कोसी के इलाके में ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में मशहूर थे. दोनों की ताकत बाहुबल थी और जातीय वोटों का आधार उनके पास था. नब्बे के दशक में आनंद मोहन राजपूत और सवर्णों की राजनीति कर रहे थे, तो पप्पू यादव पिछड़ों और यादवों को लेकर आगे बढ़ रहे थे. इसके चलते दोनों के बीच दुश्मनी की दीवार खड़ी हो गई. तीन दशक के बाद अब जाकर ये दुश्मनी की दीवार टूटती नजर आ रही है.
आनंद मोहन और पप्पू यादव एक समय आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खासमखास हुआ करते थे, लेकिन मंडल कमीशन और राजनीतिक वर्चस्व के चलते उनके बीच गैंगवार शुरू हुई और फिर दोनों गुटों में मारपीट, लड़ाई झगड़े खून-खराबा आम बात हो गई थी. ऐसे में कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा. कि ये जानी-दुश्मन कभी एक दूसरे के गले लगेंगे, लेकिन तीन दशक के बाद आनंद मोहन की बेटी की शादी के मौके पर पप्पू यादव की उपस्थिति चर्चा का विषय बन गई है.
कैसा था आनंद मौहन का जीवन
आनंद मोहन का जन्म 26 जनवरी, 1956 को बिहार के सहरसा जिले के नवगछिया गांव में हुआ. उनके दादा राम बहादुर सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे. जेपी आंदोलन के प्रभाव से आनंद मोहन भी अछूते नहीं थे. इमरजेंसी के दौरान दो साल तक जेल में भी रहे और जेल से बाहर आते ही अस्सी के दशक में उन्होंने अपनी दबंगई शुरू की. कोसी इलाके में वो एक बड़े राजपूत दबंग के रूप पहचाने जाने लगे थे. मारपीट हो या फिर हत्या, हर तरफ आनंद मोहन की दबंगई की कहानी बयां होने लगी.