KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के मथुरा से बीजेपी सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी का कहना है कि उन्हें मथुरा के लोगों के लिए अभी भी बहुत कुछ करना है। बता दें कि बीजेपी ने एक बार फिर हेमा मालिनी को मथुरा से टिकट दिया है।
हेमा मालिनी ने कहा कि अपने पहले कार्यकाल में मैंने केवल बिजली, पानी और सड़कों पर ध्यान केंद्रित किया।लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल में मैंने रेलवे स्टेशन का विकास किया। मैंने सुंदर थिएटरों का निर्माण करवाया। इतने सारे फ्लाईओवर बनाए गए। बॉलीवुड की ‘ड्रीमगर्ल’ कही जाने वाली हेमा मालिनी ने कहा कि 10 साल तक सांसद रहने के बाद भी वे अपने को एक मंझी हुई राजनेता नहीं मानती हैं। बीजेपी के ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे को दोहराते हुए हेमा ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी 400 से ज्यादा सीटे जीतेगी।
हेमा मालिनी ने जाट और ब्राह्मण दोनों समुदायों के समर्थन की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि मैं एक जाट बहू हूं और सभी जाट मुझसे बहुत प्यार करते हैं। मैं जाट समुदाय और ब्राह्मणों दोनों के बीच जानी जाती हूं। मूल रूप से मैं एक ब्राह्मण हूं और मेरी पत्नी धरम जी हैं।
हेमा मालिनी ने मथुरा के लोगों को खराब पानी से हो रही परेशानी के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि यमुना एक बड़ा मुद्दा है। ये एक ऐसी चीज है जिसे समय पर करने में मुझे बहुत दिलचस्पी होगी, जो बहुत मुश्किल है। मैं पहले कार्यकाल से ही ये कोशिश कर रही हूं। मैंने कई लोगों से संपर्क किया। हमें नालों की सफाई के लिए फंड भी मिला। करीब 24 नाले थे, जिनमें से कई अब बंद हो गए हैं। चार और हैं जो बंद किए जा रहे हैं। लेकिन मुख्य समस्या ये है कि पानी दिल्ली से आ रहा है। ये गंदा पानी दिल्ली, नोएडा से आ रहा है, हम क्या कर सकते हैं। मथुरा के लोग इससे बहुत परेशान हैं। हम यहां तो साफ रख सकते हैं, लेकिन जो पानी आ रहा है उसका हम क्या कर सकते हैं। तो फिर केजरीवाल इसके प्रति जवाबदेह बनें।
बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि मैं कोई मंझी हुई राजनेता नहीं हूं लेकिन इस पद पर रहते हुए मैं वो काम करने में सक्षम हूं जो मैं कर सकती हूं। मैं भगवान कृष्ण की भक्त हूं और मैं बहुत सी चीजें करने के लिए बहुत उत्सुक थी। हम बचपन से वृन्दावन के बारे में सुनते आए हैं लेकिन वृन्दावन भी साफ-सुथरा दिखना चाहिए, ऐसी हालत नहीं थी। इसलिए मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ कोशिश की। यहां से सांसद बनने के बाद मुझे ऐसा करने का मौका मिला लेकिन ये अभी भी पर्याप्त नहीं है। अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। ये लोगों की मानसिकता पर निर्भर करता है। कुछ लोग तो स्थानीय निवासी को ही सांसद बनाना पसंद करते हैं।